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फैजाबाद लोकसभा सीट के नतीजे से हर कोई हैरान है। हैरान इसलिए क्योंकि भगवा पार्टी उस लोकसभा सीट से कैसे हार सकती है, जहां उसकी सरकार के दौरान अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ था।

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा ऐसे समय में हुई, जब देश में इसी साल लोकसभा चुनाव होने थे। हालांकि, ये भी बीजेपी की एक रणनीति के तहत किया गया था, लेकिन इतना सब होने के बावजूद भगवा पार्टी को यहां से करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसे भगवा पार्टी पचा नहीं पा रही है।

लेकिन साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सियासी जमीन यहां पहले ही दरक चुकी थी। 2024 के लोकसभा चुनाव आते-आते ये पूरी तरह खिसक गई। इस सीट के नतीजे ने हिंदुत्व के समर्थकों को चिंता में जरूर डाल दिया है, लेकिन अगर बीजेपी ने समय रहते उन नतीजों से सबक लिया होता तो शायद पार्टी को इस बार इतना बड़ा झटका नहीं लगता। आईए जानते हैं आंकड़ें हमारे फैसला आपका में इस पर लोगों की क्या राय है।

क्या अयोध्या में बीजेपी की हार को आप सनातन की हार मानते हैं ?

हाँ- 36%
नहीं- 35%
दोनों अलग मुद्दे- 27%
कह नहीं सकते- 02%

राम के धाम अयोध्या में क्यों हार गई भारतीय जनता पार्टी ?

ग़लत उम्मीदवार- 15%
पार्टी की ग़लत रणनीति- 22%
आम लोगों की अनदेखी- 34%
अति आत्मविश्वास- 25%
कह नहीं सकते- 04%

क्या अयोध्या में आंतरिक कलह की वजह से हार गए लल्लू सिंह ?

हाँ- 75%
नहीं- 17%
कह नहीं सकते- 08%

क्या चुनावों में मंदिर-मस्जिद की राजनीति का दौर ख़त्म हो गया है ?

हाँ- 59%
नहीं- 35%
कह नहीं सकते- 06%

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