शोले में जेलर को सुरंग, पिस्तौल और हर बात की खबर देने वाले अभिनेता कैस्टो मुखर्जी का किरदार हरिराम… तो सभी को याद होगा। ऐसे कई मुखबिर जेलों में अब भी जेलरों के होते हैं जो जेल की हलचल की जानकारी रखते हैं।
चुनावों के मद्देनजर अब इन ‘हरिराम’ को जेलों के राजनीतिक मिजाज को भांपने के लिए चौकन्ना रखने के निर्देश दिए गए हैं।
इनके सहारे ही जेलर और जेल प्रशासन कैदियों की राजनीतिक चर्चाओं पर नजर रखेंगे। ताकि, भविष्य में किसी प्रकार का विवाद होने की संभावना हो तो उसे समय से पहले रोका जा सके। दरअसल, जेल मुख्यालय ने चुनाव आयोग के निर्देशों के आधार पर सभी जेलों को निर्देश जारी किए हैं। चुनाव पूरे होने तक सभी जेलों से बंदियों के ट्रांसफर पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
जेलों में ब्रीफिंग की जाएगी
यदि किसी का ट्रांसफर होना भी है तो संबंधित अधिकारी से अनुमति लेनी जरूरी होगी। इसके साथ ही बंदियों से मिलने आने वाले उनके परिजनों की भी निगरानी की जाएगी। जेल में मोबाइल का प्रयोग न हो इसके लिए भी खास प्रबंध किए जाएंगे। कर्मचारियों को भी इस संबंध में सभी जेलों में ब्रीफिंग की जाएगी। इसके साथ ही सबसे अहम निर्देश कैदियों की राजनीतिक कानाफूसी को लेकर दी है।
कानाफूसी पर विशेष ध्यान देने के निर्देश
जेलों में रहने वाले बहुत से बंदी किसी न किसी राजनीतिक दलों की विचारधारा से जुड़े होते हैं। ऐसे में वहां पर भी इस बात की संभावना रहती है कि किसी भी स्थिति में विचारों के भेद में विवाद न हो जाएं। ऐसे में सभी जेल प्रभारियों को बंदियों की इस राजनीतिक कानाफूसी पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके लिए जेलों में जेल प्रबंधन को विशेष तौर पर कई कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। जिस कैदी के आचरण में बदलाव आ रहा है उस पर विशेष ध्यान देने को जेल मुख्यालय की ओर से कहा गया है। इसके साथ ही समय-समय पर बैरकों की चेकिंग भी की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की गतिविधि पर नजर रखी जा सके।