अमरुद के पेड़
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उत्तराखंड, हल्दूचौड़ 

हरिपुर बच्ची गांव के बीचोंबीच आम, अमरूद के बाग में 200 पेड़ों पर आरी चला दी गई। आरोप है कि इस बाग के पेड़ों को काटने की अनुमति वन विभाग से नहीं ली गई। इस मामले में विभागीय अधिकारियों ने अनभिज्ञता जताते हुए जांच कर कार्रवाई की बात कही है।हल्दूचौड़ के हरिपुर बच्ची गांव में एक किसान के खेत में आम, अमरूद, लीची के करीब 200 पेड़ थे। सूत्रों के अनुसार इस हरे भरे बाग को किसान ने एक बिल्डर को बेच दिया। इसके बाद बिल्डर ने बगैर अनुमति के हरे पेड़ ठेकेदार से कटवा दिए और कई पेड़ों की लॉपिंग करा दी।ग्रामीणों का कहना है कि अब भी बाग में कई पेड़ खड़े हैं। बताया जा रहा है कि इस बाग को काटने का ठेका एक स्थानीय ठेकेदार ने लिया है। खास बात यह है कि इस बाग को काटने की अनुमति वन विभाग से नहीं ली गई है। बाग अब भी पूरी तरह से हरा भरा था। ग्रामीणों का कहना है कि बाग में आम के सभी पेड़ फलदार हैं।

अमरुद के पेड़

अधिकारी को भेजकर करेंगे स्थलीय निरीक्षण –हल्दूचौड़। (नैनीताल)। विभागीय अधिकारी को भेजकर मौके का स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। पेड़ों पर नियम विरुद्ध आरी चलाना गलत है। अगर उद्यान विभाग से पेड़ काटने की अनुमति नहीं ली गई है तो वन अधिनियम एवं फल पट्टी नियमावली के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. नरेंद्र कुमार, जिला उद्यान अधिकारी
मामले की जांच कर की जाएगी कार्रवाई – गांव में अगर फल पट्टी स्थापित है और वन संरक्षण अधिनियम के तहत पौधों को काटने की अनुमति नहीं ली गई है तो वन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अभी तक वन विभाग में इस मामले को लेकर अनुमति का आवेदन नहीं आया है। जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। – उमेश आर्य, वन क्षेत्राधिकारी, हल्दूचौड़
नियम विरुद्ध पेड़ काटना गलत – गांव में बगीचे की अनुमति वन विभाग एवं उद्यान विभाग देता है। हमारे संज्ञान में इस प्रकार का कोई मामला नहीं है। अगर पेड़ नियम विरुद्ध काटे गए तो जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सचिन कुमार, तहसीलदार, लालकुआं

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