👉 न्यायालय ने जमानत रद्द कर फिर भेजा जेल, पेशेवर जमानतदारों पर भी केस दर्ज
नैनीताल | 13 जून 2025
जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबीर कुमार की अदालत ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर जमानत लेने वाली आरोपी महिला की ज़मानत रद्द कर उसे दोबारा न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए। साथ ही दो फर्जी जमानतदारों पर भी मुकदमा दर्ज करने का निर्देश तल्लीताल थाने को दिया गया है।
🕵️♂️ हत्या का मामला:
📅 तारीख: 15 मई 2019
👩🦱 आरोपी महिला: नीलम चौधरी, निवासी शामिया लेक सिटी, रुद्रपुर
👨🦰 मृतक: अवतार सिंह (पति), जिनकी गाड़ी में आग लगाकर हत्या की गई थी
📍 घटना स्थल: सलड़ी, भीमताल मार्ग
👥 अन्य आरोपी:
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अजय कुमार यादव (मछलीबाजार, जौनपुर)
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मनीष मिश्रा (फूलपुर, प्रयागराज)
➡️ आरोपियों ने बेहोशी की हालत में अवतार सिंह को उसकी ही गाड़ी में बैठाकर आग के हवाले कर दिया था।
➡️ अजय यादव ज़मानत मिलने के बाद से फरार है।
🔐 जमानत रद्द होने की वजह:
नीलम को मई 2025 में हाईकोर्ट से ज़मानत मिली थी, लेकिन जमानत के लिए जिन दो लोगों – रिंकू सिंह (लालपुर, कुंडा, काशीपुर) और राजकुमार (उसी क्षेत्र से) – ने दस्तावेज प्रस्तुत किए थे, उनकी संपत्ति का कोई प्रमाण नहीं मिला।
📌 काशीपुर थाने से प्राप्त सूचना के अनुसार:
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दोनों जमानतदारों के पास कोई वैध संपत्ति नहीं है
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पूर्व में भी फर्जी जमानत कराने के मामलों में दर्ज मुकदमे हैं
⚖️ न्यायालय का आदेश:
🧾 जिला जज सुबीर कुमार ने:
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नीलम की ज़मानत तत्काल प्रभाव से रद्द की
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उसे दोबारा न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया
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दोनों जमानतियों पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराएं 229, 233, 235, 236, 237, 238, 335, 337, 340 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए
👮♂️ न्यायालय के पेशकार ने तल्लीताल थाने में इस संबंध में तहरीर सौंप दी है।
🚨 क्या है बड़ा संदेश?
➡️ इस मामले ने फिर एक बार फर्जी दस्तावेजों से न्याय प्रक्रिया के दुरुपयोग की सच्चाई को उजागर किया है।
➡️ साथ ही, न्यायपालिका ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे पेशेवर जमानतदारों को बख्शा नहीं जाएगा।



