02 मई 2025 | 📍देहरादून
जब संस्कार, संस्कृति और संगीत एक साथ मिलते हैं — तो वो पल सिर्फ रस्म नहीं, यादगार इतिहास बन जाते हैं।
Harsh Kunwar के जनेऊ संस्कार के शुभ अवसर पर आयोजित इस समारोह में न केवल परंपरा का पालन हुआ, बल्कि उत्तराखंड की लोकधुनों ने भी समां बांध दिया।
✨ Highlights इस खास शाम के
🔹 कुंवर परिवार का पारंपरिक स्वागत
🔹 🎤 सौरव मैठाणी की लोकधुनों से सजी शानदार प्रस्तुति
🔹 🎶 त्रुप्ता मैठाणी की मधुर गायिकी
🔹 🌺 महिमा उनियाल की ऊर्जा से भरपूर लोकगायन
🔹 🎵 राकेश पनेरू द्वारा आत्मा को छू लेने वाले गीत
🙏 स्वागत कीजिए Kunwar परिवार का
“कृपया मंच पर आमंत्रित करें कुंवर परिवार को, जो आज अपने बेटे Harsh Kunwar के जनेऊ संस्कार के इस पावन अवसर को हम सभी के साथ साझा कर रहे हैं।
आइए तालियों के साथ उनका स्वागत करें! 👏”
🌟 लोकगायक सौरव मैठाणी — Star of the Night!
🎤 जब सौरव मैठाणी जी मंच पर आए, तो मंच पर जैसे पहाड़ों की रूह उतर आई।
उनके सुपरहिट गीत “मैं पहाड़ों को रैबासी, तू दिल्ली रोण वाली” ने दर्शकों की तालियाँ और दिल दोनों जीत लिए।
🏆 सम्मान और उपलब्धियाँ:
✅ Best Singer – Young Uttarakhand Cine Awards 2024
✅ A ग्रेड कलाकार – उत्तराखंड संस्कृति विभाग (2015)
🎙️ त्रुप्ता मैठाणी का सुरमयी स्वागत
सौरव जी की धर्मपत्नी, त्रुप्ता मैठाणी जी ने जब अपनी मधुर आवाज़ में मंच को सजाया, तो हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया।
🌸 उनकी गायिकी में उत्तराखंड की नारी शक्ति और संस्कृति की गरिमा साफ झलकती है।
🌺 युवा लोकगायिका महिमा उनियाल
महिमा उनियाल जी ने लोकगीतों में वो आत्मा फूंकी कि हर प्रस्तुति बन गई यादगार!
🎵 झोड़ा, चांचरी और पारंपरिक गीतों में उनकी पकड़ ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
🎉 तालियों की गड़गड़ाहट में स्वागत कीजिए — Mahima Uniyal जी का!
🎼 राकेश पनेरू: लोक की आत्मा, सुरों का सौंदर्य
जब राकेश पनेरू जी ने सुर छेड़े, तो लगा जैसे पहाड़ों की वादियाँ खुद गा रही हों।
🎶 उनकी आवाज़ में था लोकगीतों का रस, संस्कृति की आत्मा और दिल की सच्चाई।
👏 आइए, इस सच्चे लोककलाकार का दिल से स्वागत करें!
🎊 संस्कार + संस्कृति + संगीत = अविस्मरणीय अनुभव
इस आयोजन ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि जब परंपरा को सम्मान, संस्कृति को मंच और संगीत को समय मिलता है — तो वो क्षण बन जाता है अमूल्य!
🙏 समापन संदेश:
✨ “संस्कार वही, जो दिल से निभाया जाए।
संगीत वही, जो आत्मा को छू जाए।
संस्कृति वही, जो सभी को जोड़ जाए।” ✨
हर परिवार को एक बार ज़रूर ऐसा सांस्कृतिक समारोह अनुभव करना चाहिए!
इस अवसर पर लालकुआं
चेयरमेन सुरेन्द्र सिंह लोटनी बिंदुखत्ता मण्डल अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी नवीन पपोला भी मौजूद थे
✍️ लेखक: [अग्रसर भारत ]


