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उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है।
यहां एक व्यक्ति ने पत्नी से झगड़े के बाद अपने तीन महीने के मासूम बेटे को 300 मीटर गहरी खाई में फेंक दिया,
और फिर खुद भी छलांग लगा दी।
यह दर्दनाक हादसा त्योहार के दिन शराब के नशे में हुए विवाद के बाद हुआ।
घटना से पूरे इलाके में सन्नाटा और दहशत का माहौल है।
⚡ Highlights (मुख्य बिंदु):
👶 पिता ने 3 महीने के बेटे को फेंका 300 मीटर गहरी खाई में
🍺 शराब के नशे में पत्नी से हुआ था झगड़ा
💔 खुद भी कूद गया खाई में, दोनों की मौत
🏡 घटना पौड़ी गढ़वाल के दबोली गांव की
🚓 ग्रामीणों ने दोनों को बाहर निकाला, लेकिन बचाया नहीं जा सका
🧾 पोस्टमॉर्टम के बाद शव सौंपे गए, जांच जारी
🏞️ घटना का विवरण — त्योहार के दिन घर में मचा मातम 😢
यह दर्दनाक घटना मंगलवार शाम पौड़ी गढ़वाल जिले के दबोली गांव की है।
जानकारी के मुताबिक 30 वर्षीय व्यक्ति, जो नेपाल के दैलेख जिले का रहने वाला था,
अपनी पत्नी और 3 महीने के बेटे के साथ यहां किराए के मकान में रह रहा था।
मंगलवार दोपहर करीब डेढ़ बजे वह शराब के नशे में घर पहुंचा
और किसी बात को लेकर पत्नी से झगड़ने लगा।
झगड़े के बीच उसने पत्नी की गोद से मासूम बेटे को छीन लिया
और गुस्से में आकर उसे 300 मीटर गहरी खाई में फेंक दिया।
इसके बाद खुद भी उसी खाई में कूद गया।
🚓 पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर निकाले शव | बच्चा मौके पर ही मृत 😔
घटना की सूचना मिलते ही लैंसडाउन थाना पुलिस और 112 कंट्रोल रूम की टीम मौके पर पहुंची।
सब-इंस्पेक्टर प्रवेश शर्मा ने बताया कि ग्रामीणों ने दोनों को खाई से बाहर निकाला।
“बच्चा मौके पर ही मृत था, जबकि व्यक्ति की सांसें चल रही थीं।
उसे तुरंत चैलूसैंण अस्पताल ले जाया गया,
लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।” — पुलिस अधिकारी।
⚖️ पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस जांच में जुटी 🔍
दोनों शवों को कोटद्वार के शवगृह भेजा गया,
जहां पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए।
पुलिस के अनुसार अब तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है,
लेकिन घटना की जांच मृतक की पत्नी के बयान और फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर की जा रही है।
“मामला बेहद संवेदनशील है।
परिवार के बयान के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।” — लैंसडाउन पुलिस।
💔 स्थानीय लोगों में शोक और गुस्सा 😞
ग्रामीणों के अनुसार, व्यक्ति पिछले कुछ महीनों से
अक्सर शराब पीकर घर में झगड़ा करता था।
लोगों ने इस घटना को “त्योहार के दिन घटा सबसे बड़ा दुखद हादसा” बताया।
💬 “जिस बच्चे की किलकारियां घर में गूंज रही थीं,
उसी की चीखें अब पूरे गांव में गूंज रही हैं।” — स्थानीय निवासी
🧭 संपादकीय दृष्टिकोण (Editorial View):
यह घटना केवल एक पारिवारिक झगड़ा नहीं, बल्कि
नशे और असंयम की भयानक परिणति का उदाहरण है।
ऐसे मामले बताते हैं कि नशे में हिंसा और पारिवारिक तनाव
किस तरह निर्दोष जिंदगियों को निगल जाते हैं।
💬 “त्योहार खुशी का प्रतीक हैं, लेकिन जब शराब विवेक छीन लेती है,
तो घर खुशियों का नहीं, मातम का घर बन जाता है।”