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भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लिया है। इससे पाकिस्तान और उसकी सेना बौखलाई हुई है। बुधवार की रात पाकिस्तान ने भारत में कई जगह मिसाइल और ड्रोन से हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें रोक दिया।

इसके बाद गुरुवार सुबह भारत ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाकर कई हमले किए।

भारत और पाकिस्तान के बीच जिस तरह संघर्ष बढ़ रहा है। इससे स्थिति गंभीर होने का खतरा है। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो भारत को ब्रह्मोस मिसाइल इस्तेमाल करना पड़ सकता है। इसे ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है। हाल ही में ब्रह्मोस ने दिखाया है कि उसका रेंज बढ़कर 800km तक पहुंच गया है। ऐसे में यह पाकिस्तान के किसी भी हिस्से में पहुंच सकता है और अकेले ही उसे धुआं-धुआं करने की ताकत रखता है।

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भारत खुद बनाता है ब्रह्मोस मिसाइल

ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। इसका निर्माण भारत में हो रहा है। यह हमारे लिए बड़ी सुखद बाद है। इससे जरूरत पड़ने पर ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण तेज किया जा सकता है और जंग की स्थिति में इसकी कमी नहीं होगी।

बेहद ताकतवर क्रूज मिसाइल है ब्रह्मोस

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसकी रफ्तार 3,580km/h तक पहुंच जाती है। इतनी अधिक रफ्तार, स्टील्थ फीचर और क्रूज मिसाइल होने के चलते ब्रह्मोस को रडार से देख पाना और इसे हवा में नष्ट करना बेहद कठिन है।

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सटीक निशाना लगाता है ब्रह्मोस

ब्रह्मोस बेहद सटीक मिसाइल है। इसका इस्तेमाल हाई-वैल्यू टारगेट के खिलाफ हो सकता है। शुरुआत में ब्रह्मोस का रेंज करीब 300km था। इसे बढ़ाकर 800km किया गया है। BrahMos-II पर भी काम चल रहा है। इसकी रफ्तार मैक 6 (7,156 km/h) से मैक 7 (8,348 km/h) तक हो सकती है। भारत के MTCR (Missile Technology Control Regime) में प्रवेश के बाद मौजूदा ब्रह्मोस की मारक क्षमता को 290km की सीमा से बढ़ाकर नए वर्जन में 450-800km किया गया है।

ब्रह्मोस मिसाइल की खास बातें

  • ब्रह्मोस मिसाइल को कई प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है। इसे सुखोई 30एमकेआई लड़ाकू विमान की मदद से हवा से जमीन पर दागा जा सकता है। इससे युद्धपोत को भी निशाना बनाया जा सकता है।
  • इसके साथ ही ब्रह्मोस को जमीन से जमीन, जमीन से समुद्र और समुद्र से जमीन पर भी दागा जा सकता है।
  • ब्रह्मोस मिसाइल 200-300kg विस्फोटक ले जाता है। लॉन्च किए जाते समय इसका वजन 2000-3000kg हो सकता है। इसकी लंबाई 8-8.2 मीटर है।
  • ब्रह्मोस मिसाइल में दो इंजन लगे हैं। इसमें ठोस इस्तेमाल करने वाला बूस्ट मोटर लगा है। लॉन्च किए जाने के बाद यह मिसाइल को तेज रफ्तार से आगे बढ़ाता है। इसके बाद तरल ईंधन वाला रैमजेट सस्टेनर मोटर काम करता है। यह मिसाइल को सुपर सोनिक स्पीड तक ले जाता है।