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महिलाओं पर होने वाले एसिड अटैक के बहुत से मामले आए दिन सामने आते रहते हैं. आज हम आपको पाकिस्तान की एक महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके ऊपर उसी के दोस्त ने एसिड फेंका क्योंकि वह नहीं चाहता था कि महिला एयर होस्टेस की नौकरी करे. इस अटैक के बाद महिला का एयर होस्टेस बनने का सपना कभी पूरा नहीं हो सका.

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आज भी दुनिया में कुछ ऐसे देश हैं जहां महिलाओं को अपने करियर के फैसले लेने की आजादी नहीं है. यहां महिलाओं को वो काम करने की आजादी नहीं है जिनके सपने वो अपने बचपन से देखती आ रही हैं. आज हम आपको एक ऐसे मामले बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. दरअसल, यह मामला कंवल कय्यूम नाम की एक महिला का है, जिसका बचपन से ही सपना केबिन क्रू की जॉब करना था. लेकिन कुछ कट्टरपंथी सोच वाले लोगों की वजह से कंवल का ये सपना कभी पूरा ही नहीं हो सका.

पाकिस्तान में रहने वाली 40 साल की कंवल के साथ साल 2011 में काफी बुरा हादसा हुआ जिसमें उनके दोस्त ने जलन के कारण एसिड डालकर उनके पूरे चेहरे को बर्बाद कर दिया. कंवल एयर होस्टेस की जॉब करना चाहती थी लेकिन उनका दोस्त नहीं चाहता था कि वह ये जॉब करें. ऐसे में कंवल को रोकने के लिए गुस्से में आकर उनके दोस्त ने कंवल के पूरे चेहरे को एसिड से बर्बाद कर दिया.

इस एसिड अटैक के बाद कंवल की नाक, आईब्रो और यहां तक कि पलकें भी पूरी तरह से बर्बाद हो गईं और कंवल को अपनी ड्रीम जॉब को शुरू करने से पहले ही छोड़ना पड़ा. इस हादसे के बाद मैनचेस्टर में रहने वाले हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन असीम शाहमलक ने कंवल की काफी मदद की और उनका फ्री में इलाज भी किया. कंवल का इलाज करने के लिए असीम मैनचेस्टर से कराची आए.  कराची आने के बाद असीम ने कंवल की दो नई आईब्रो और पलकें बनाईं. इसके लिए असीम ने कंवल के स्कैल्प के बालों का इस्तेमाल किया.

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एसिड अटैक पीड़ितों की मदद करने के असीम के प्रयासों के लिए उन्हें ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की ओर से सम्मानित किया जा चुका है. डॉ शाहमलक के चैरिटी काम की तारीफ करते हुए बोरिस जॉनसन ने कहा था, मुझे पता है कि आप ये सब तारीफ या इनाम के बारे में सोचे बिना करते हैं, लेकिन जिस तरह आप पाकिस्तान में एसिड अटैक सर्वाइवर्स की लाइफ चेंजिंग सर्जरी कर रहे हैं, वो तारीफ के काबिल है.

कंवल ने कहा, ‘मैं डॉक्टर का जितना भी शुक्रिया करूं वो कम है, उन्होंने मेरे चेहरे को पूरी तरह से बदल दिया और मुझे अपनी ये नई आइब्रो और नई पलकें बहुत पसंद हैं.’

डॉ शाहमलक ने कहा, ‘कंवल जैसी बहादुर महिलाओं से मैं शायद ही कभी मिला हूं. यह सुनकर बहुत अच्छा लगा कि कैसे उसने हमले के बाद अपने जीवन को फिर संवारा है और अब एक टेक्सटाइल कंपनी में सफलतापूर्वक काम कर रही है.’

कंवल से मिलने के अलावा डॉ. असीम  अपनी एक और मरीज नैज बानो से भी मिले. नैज बानो भी एसिड अटैक सर्वाइवर हैं जिन पर उन्हीं की बेटी की शादी में एसिड फेंका गया था जिसके चलते उनकी बाईं आंख डैमेज हो गई थी.  डॉ असीम ने नैज की भी आइब्रो और पलकें बनाईं, इस सर्जरी के बाद से नैज ने काफी तेजी से रिकवर किया और अब वो एक स्टोर में काम कर रही हैं.

कंवल और नैज के अलावा भी पाकिस्तान में ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जो इस तरह की सर्जरी का इंतजार कर रही हैं. यहां रहने वाली 19 साल की मारिया अफजल उन्हीं में से एक है. मारिया सिर्फ दो साल की थीं, जब वह ईंटों से बने गर्म ओवन में गिर गईं और उसके सिर के सामने के सारे बाल झड़ गए.

कराची आने के बाद असीम एक नए मरीज से भी मिले. 28 साल के मोहम्मद उसमान पेशे से कंप्यूटर डिजाइनर हैं जिन्होंने एसिड अटैक के चलते अपनी आंखें खो दी थीं. इस एसिड एटैक के बाद उसमान ने अपने चेहरे को ठीक करने के लिए 4 सर्जरी भी करवाईं.

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