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शिक्षा सचिव के मुताबिक बस, टैक्सी या अन्य व्यवस्था कर विभाग प्रति छात्र के हिसाब से छात्रों पर आने वाले खर्च का भुगतान करेगा। पहले चरण में माध्यमिक स्तर पर 559, प्राथमिक स्तर पर 603 और पूर्व माध्यमिक स्तर पर 76 क्लस्टर स्कूल बनने हैं।

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प्रदेश के पर्वतीय जिलों के क्लस्टर स्कूलों में दूरदराज से आने वाले छात्र-छात्राओं को आवागमन सुविधा के लिए सरकार प्रति किलोमीटर अधिकतम 22 रुपये तक किराया भत्ता देगी। जबकि मैदानी क्षेत्रों के स्कूलों के छात्र-छात्राओं को 18 से 20 रुपये तक मिलेंगे।

प्रदेश में पहले चरण में माध्यमिक स्तर पर 559, प्राथमिक स्तर पर 603 और पूर्व माध्यमिक स्तर पर 76 क्लस्टर स्कूल बनने हैं। इन स्कूलों में दूरदराज से आने वाले छात्र-छात्राओं को सरकार स्कूल तक आने जाने के लिए किराया भत्ता देगी। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन के मुताबिक इसके लिए बस, टैक्सी या अन्य व्यवस्था कर विभाग प्रति छात्र के हिसाब से छात्रों पर आने वाले खर्च का भुगतान करेगा।

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छात्र-छात्राओं के आने जाने की सुविधा के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। इस समिति में परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी व पुलिस अधीक्षक शामिल होंगे। जिला और स्थानीय स्तर पर अलग-अलग समितियां छात्रों की संख्या के हिसाब से छात्रों के आने जाने की व्यवस्था के लिए निविदा निकालेगी।

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