दो दिन पहले सुद्धोवाला में नशे की दवाओं की खेप के साथ पकड़े गए दो मेडिकल स्टोर संचालकों को कैप्सूल और गोलियां सप्लाई करने वाले वितरक को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
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दो दिन पहले सुद्धोवाला में नशे की दवाओं की खेप के साथ पकड़े गए दो मेडिकल स्टोर संचालकों को कैप्सूल और गोलियां सप्लाई करने वाले वितरक को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। संचालकों की गिरफ्तारी के दो दिन पहले ही आरोपी ने उन्हें कैप्सूल और गोलियां के 500 डिब्बे उपलब्ध कराए थे।
प्रेमनगर पुलिस ने सात मई को सुद्धोवाला चौक के पास वंश मेडिकल स्टोर पर दबिश देकर संचालक कृष्ण कुमार और उसके सगे भाई विनय कुमार को नशे की दवा बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उनके कब्जे से करीब 68 हजार प्रतिबंधित कैप्सूल और गोलियां बरामद हुई थीं। पूछताछ में आरोपियों ने बरामद माल को इंद्रजीत सिंह नाम के वितरक से खरीदने की बात कही थी। इसके बाद पुलिस इंद्रजीत की तलाश में जुटी थी। मंगलवार को इंद्रजीत सिंह निवासी 65/4 रेसकोर्स, देहरादून को भी दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने प्रतिबंधित कैप्सूल और गोलियां आरोपियों को बेचने की बात स्वीकारी।
एक हजार डिब्बों का दिया था ऑर्डर, लालच में मान गया
प्रेमनगर थाना प्रभारी पीडी भट्ट ने बताया कि पूछताछ में इंद्रजीत सिंह ने बताया कि उसका सुपर मेडिकल सप्लायर के नाम से अजबपुर चौक के पास मेडिकल स्टोर है। कृष्ण कुमार से उसकी मुलाकात छह माह पहले हुई थी। कृष्ण कुमार ने लालच दिया कि वह उसे प्रतिबंधित कैप्सूल के 1000 डिब्बे (144000 कैप्सूल) का ऑर्डर देगा। भविष्य में अपने मेडिकल स्टोर के लिए दवाएं भी उसी से खरीदेगा। इंद्रजीत ने बताया कि उसने विभिन्न बैंकों, फाइनेंस कंपनी और मार्केट से करीब 70 लाख का लोन लिया है। इसलिए लालच में आकर प्रतिबंधित दवाएं सप्लाई करने के लिए राजी हो गया।
हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित एन फार्मा से मंगाई थीं दवाएं
इंद्रजीत ने बताया कि उसने फरवरी में बद्दी, हिमाचल प्रदेश की एन फार्मा कंपनी को एक हजार प्रतिबंधित कैप्सूल के डिब्बों का ऑर्डर दिया। कंपनी ने दो माह बाद उसके 800 डिब्बों का ऑर्डर पांच मई को देहरादून पहुंचाया दिया। इसी दिन उसने 700 डिब्बे कृष्ण कुमार को सप्लाई कर दिए थे। इंद्रजीत ने बताया कि जब उसे दोनों भाइयों की गिरफ्तारी की सूचना मिली तो उसने आनन-फानन कृष्ण कुमार के नाम पर सप्लाई का फर्जी बिल बनाया। ताकि पुलिस और ड्रग विभाग को गुमराह कर सके।