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देश के हिस्सों में रंगों का त्योहार होली शुरू हो गई है। इस बीच कई राज्यों में कोरोना वायरस के साथ-साथ H3N2 फ्लू के मामलों में अचानक वृद्धि देखी जा रही है। बढ़ता संक्रमण एक बार फिर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का कारण बन गया है।

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फिलहाल इसके मामले अभी बहुत कम आ रहे हैं, लेकिन होली के त्योहार को देखते हुए सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है।

एम्स के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया का कहना है कि H3N2 वायरस हर साल इस दौरान म्यूटेशन करता है और बूंदों के माध्यम से फैलता है। लेकिन यह चिंता का कारण नहीं है क्योंकि अस्पताल में भर्ती होने के मामलों की संख्या में ज्यादा वृद्धि नहीं देखी जा रही है। हालांकि फिर भी लोगों को होली के त्योहारी मौसम में सतर्क रहने की जरूरत है। लोगों को होली मनानी चाहिए, लेकिन उन बुजुर्गों को खास तौर पर सावधान रहना चाहिए, जिन्हें पुरानी सांस की बीमारियां, हृदय की समस्याएं, किडनी की समस्या या डायलिसिस जैसी गंभीर बीमारियां हैं। उन्हें भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि ऐसी जगहों पर ही वायरस के संक्रमण का खतरा अधिक होता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि साल के इस समय में जब मौसम में बदलाव होता है, तो इन्फ्लूएंजा होने की संभावना अधिक होती है। चूंकि अब हम कोविड से पहले के हालात में अब वापस आ गए हैं और मास्क नहीं पहन रहे हैं। इसलिए यह वायरस को और आसानी से फैलने में मदद मिलेगी। अगर हमें खुद को इन्फ्लूएंजा होने से रोकना है। अगर हम भीड़- भाड़ वाली जगहों पर जा रहे हैं, तो हमें मास्क पहनना जरूरी है। हमें अपने हाथों को बार-बार धोने की जरूरत है और शारीरिक दूरी का भी पालन करना होगा।

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दो माह से लगातार बढ़ रहे है केस

उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को हेल्थ एक्सपर्ट्स के साथ H3N2 इन्फ्लूएंजा के बढ़ते मामलों पर एक बैठक की। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि देश में कोरोना के मामले कम हुए हैं, लेकिन फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं। यह फ्लू कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे बचने के लिए भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनने की सलाह दी है। पिछले दो महीने से राजधानी दिल्ली समेत भारत के कई हिस्सों में इन्फ्लूएंजा के मामले बढ़ रहे हैं।

कोरोना महामारी के बाद फ्लू के बढ़ते मामलों से लोगों में डर है, क्योंकि इससे जूझ रहे मरीजों में कोरोना जैसे ही लक्षण देखने को मिल रहे हैं। बीते कुछ दिनों में दिल्ली और आसपास के इलाकों से कई ऐसे मरीज अस्पताल पहुंचे हैं, जो 10-12 दिनों से तेज बुखार के साथ खांसी से परेशान हैं। आईसीएमआर की रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले दो-तीन महीनों से इन्फ्लूएंजा वायरस का एक सब-टाइप H3N2 फैल रहा है। देश के कई हिस्सों में लोगों में इसी स्ट्रेन के लक्षण मिले हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बाकी सब-टाइप की तुलना में इस वैरिएंट की वजह से लोग अस्पतालों में ज्यादा भर्ती होते हैं।

मरीजों में दिख रहे ये लक्षण

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जो मरीज इन्फ्लुएंजा-ए वायरस के H3N2 स्ट्रेन से संक्रमित हैं। ऐसे मरीजों को 2-3 दिनों तक तेज बुखार बना रहता है। शरीर में दर्द, सिरदर्द, गले में जलन इसके अलावा मरीज में लगातार दो हफ्ते तक खांसी होती है। ये फ्लू के सामान्य लक्षणों में गिने जाते हैं। वहीं कुछ मरीजों में वायरल फीवर के साथ, सर्दी, खांसी और ब्रॉन्काइटिस जैसी फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्याएं देखने को मिल रही हैं। वहीं, सीने में जकड़न और वायरल इंफेक्शन के मामले भी देखे जा रहे हैं।

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इस तरह बचे इन्फ्लूएंजा फ्लू से

फेस मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
हाथों को नियमित रूप से पानी और साबुन से धोते रहें।
नाक और मुंह छूने से बचें।
खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह कवर करें।
खुद को हाइड्रेट रखें, पानी के अलावा फ्रूट जूस या अन्य पेय पदार्थ लेते रहें।
बुखार आने की स्थिति में पैरासिटामोल लें।

कोविड के केसों में भी इजाफा

पिछले तीन हफ्तों में, भारत में कोविड-19 संक्रमणों में वृद्धि हुई है। भले ही रिपोर्ट किए गए कुल मामले बहुत कम हैं, लेकिन पिछले सप्ताह 1,898 नए मामले सामने आए और मृत्यु दर में कोई वृद्धि नहीं हुई है। देश में रविवार को समाप्त होने वाले पिछले सात दिनों में सप्ताह-दर-सप्ताह कोरोना मरीजों में 63 फीसदी का इजाफा देखा गया। पिछले हफ्ते, कोरोना केस में 39 फीसदी वृद्धि हुई थी, जबकि उसके पहले सप्ताह में 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।

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