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देर शाम आए तूफान ने जिले भर में कई पेड़ उखाड़ दिए। रामपुर रोड पर मानपुर पश्चिम में चलती कार पर विशालकाय पेड़ गिरने से कार सवार हाईकोर्ट के अधिवक्ता तनुज सेमवाल की मौत हो गई।

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देर शाम आए तूफान ने जिले भर में कई पेड़ उखाड़ दिए। रामपुर रोड पर मानपुर पश्चिम में चलती कार पर विशालकाय पेड़ गिरने से कार सवार हाईकोर्ट के अधिवक्ता तनुज सेमवाल की मौत हो गई। पेड़ गिरने से शहर में जगह-जगह यातायात प्रभावित रहा। 70 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चले तूफान से बिजली पोल, लाइनें ध्वस्त हो गईं, जिससे बिजली गुल हो गई।

मंगलवार शाम तक मौसम सामान्य था लेकिन रात 10.50 बजे आए तूफान से जनजीवन थम गया। पहले धूल का गुबार उड़ा। बारिश के साथ आई तेज हवाओं से सड़क किनारे सैकड़ों पेड़ धराशायी हो गए। रामपुर रोड पर कार पर विशाल पेड़ गिर गया, जिससे चालक दब गया। पुलिस और स्थानीय लोगों ने दो घंटे से अिधक समय तक उसे निकालने का भरसक प्रयास किया लेकिन जब चालक को निकाला गया, तब तक उनकी सांसंे थम चुकी थीं। इधर, तूफान से जिले के हल्द्वानी, लालकुआं, नैनीताल, भीमताल समेत जिले के अधिकतर इलाकों में बिजली आपूर्ति गुल हो गई। लोगों ने अपने घर के खिड़की-दरवाजे बंद कर दिए। राहगीर कोई सुरक्षित स्थान ढूंढते रहे। वाहन चालकों ने वाहन को एक किनारे खड़ा कर दिया। करीब तीन घंटे की बाद जब तूफान थमा तब जाकर लाेग अपने घरों को रवाना हुए। कई इलाकों में बिजली गिरने से व्यापक नुकसान होने की आशंका है।

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जिले में नुकसान का सही-सही पता नहीं चल पाया है। इधर, नैनीताल में भी तेज आंधी के साथ ओलावृष्टि हुई और बिजली आपूर्ति ठप हो गई। पेड़ों के गिरने से हल्द्वानी में बरेली रोड, रामपुर रोड, नैनीताल रोड, कालाढूंगी रोड समेत तमाम सड़कें अवरुद्ध होने से यातायात बाधित हो गया। थोड़ी देर के बाद ही बारिश भी शुरू हो गई। हालांकि आंधी की रफ्तार में कोई कमी नहीं आई। मध्यरात्रि तक मौसम पूरी तरह से बदला रहा। तेज हवाएं और बारिश का दौर जारी रहा। मौसम विभाग देहरादून में खराब मौसम को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी कर रखा है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ की वजह से तेज आंधी आई।

मौत बुला रही थी…ठिठके फिर बढ़ाई कार और आ गिरा पेड़

कार में सवार हाईकोर्ट के अधिवक्ता तनुज सेमवाल हल्द्वानी से रुद्रपुर जाने के लिए निकले और देवलचौड़ पर आईसक्रीम खरीदी और उसे खाते हुए जा रहे थे। घर से फोन आया तो बताया कि बस पहुंच रहा हूं। रात 10:50 बजे तूफान आया लेकिन उन्होंने रुकने के बजाय घर जाना उचित समझा जो उनकी भारी भूल साबित हुई।
सीसीटीवी कैमरे में हादसे का पूरा वाक्या कैद हुआ। इसमें साफ नजर आ रहा है कि मौत से ऐन पहले कुछ सेकेंड रुके और फिर कार जैसे ही आगे बढ़ाई अचानक से यूकेलिप्टस का विशालकाय पेड़ गिरा और कार समेत वह उसके नीचे दब गए। सूचना पर पहुंचे पुलिस कर्मियों और फायर कर्मियों को सूचना देने के बाद राहत और बचाव कार्य शुरू हुआ और रात 12ः45 बजे कार से तनुज का शव कार से निकाला जा सका।
आइसक्रीम की स्टिक उनके मुंह में दबी थी और उनकी सांस थम गई थी। हाईकोर्ट के अधिवक्ता कुरबान अली ने बताया कि तनुज पौड़ी के रहने वाले थे और उनकी बेटी रुद्रपुर में रहती है। परिवार नैनीताल के नैनागांव में रहता है। संभवता अपनी बेटी से मिलने के लिए रुद्रपुर जा रहे थे।

व्यवस्था पर सवाल : शहर में हादसा, राहत में लगे तीन घंटे
मौसम विभाग का अंधड़ का अलर्ट होने के बावजूद प्रशासन और पुलिस महकमा सतर्क नहीं था। शहर में हुए हादसे के बाद शव को निकालने में पुलिस को तीन घंटे का समय लगा। समय पर राहत और बचाव कार्य हो गया होता तो शायद.. युवक बच भी सकता था। मगर इसे व्यवस्था का सवाल ही कहेंगे कि तमाम सुख सुविधाओं के बावजूद राहत और बचाव में इतना अधिक समय लगा। सोचने वाली बात यह है कि यही हादसा दूरस्थ क्षेत्र में होता तो तब कितना समय लगता।

रामपुर रोड पर दो घंटे पूरी तरह बाधित रहा यातायात
हल्द्वानी। रामपुर रोड में यूकेलिप्टस का पेड़ चलती कार पर गिरने से कार चालक की मौके पर ही मौत हो गई। इससे दो घंटे तक यातायात बाधित रहा। निजी वाहनों के साथ ही रोडवेज बसें, सिडकुल के वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर पेड़ को काटकर हटाया। साढ़े 12 बजे के बाद आवाजाही बहाल हो पायी। उधर मुखानी चौराहे के पास यूनिपोल स्कूटी पर गिर गया। यहां बड़ी दुर्घटना होने से बची। देवलचौड़ चौराहे के पास बीच सड़क पर पेड़ गिर गया। संवाद

खतरनाक हो चले हैं हाईवे किनारे यूकेलिप्टस के पेड़

हल्द्वानी। रामपुर रोड पर यूकेलिप्टस के पेड़ खतरा बने हुए हैं। हल्की आंधी तूफान में भी इनकी टहनियां गिर जाती है। तेज आंधी में इनके किसी भी वक्त गिरने की आशंका बनी रहती है। पेड़ों के गिरने से पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। हर बार जाम की स्थिति बन जाती है। यूकेलिप्टस के पेड़ों को आम तौर पर कमजोर माना जाता है। हाल के दिनों में गैस पाइपलाइन डालने से बने गड्ढों में पानी भरा हुआ है। इससे पेड़ों की जड़ें कमजोर हो गई हैं। तेज आंधी में इन पेड़ों से जान-माल की सुरक्षा रामभरोसे बनी है।

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