खबर शेयर करें -

देहरादून: उत्तराखंड में तेजी से फैल रहे नकली दवाओं के कारोबार पर लगाम लगाए जाने को लेकर इन दिनों खाद्य संरक्षा और औषधि नियंत्रण प्रशासन ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई कर रहा है. एफडीए से मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक साल में 862 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की कार्रवाई कर सैंपल एकत्र किए गए. जिसमें से 35 सैंपलों की जांच चल रही है. इस दौरान नकली दवाओं के मामले में दो कंपनियों के लाइसेंस को निरस्त किये गये हैं. पांच कंपनियों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने की सिफारिश की गयी है.

यह भी पढ़ें -  वलीमा से लौट रही कार दुर्घटनाग्रस्त, दुल्हन के पिता समेत 6 की मौत

नकली दवाओं और फर्जी कंपनियों के खिलाफ छापेमारी के दौरान विभाग ने 862 स्थानों पर छापेमारी की. कई कंपनियों से जांच के लिए 352 लीगल सैंपल भी लिये. जिसमें से 35 उत्पादों की जांच चल रही है. विभाग की ओर से दो कंपनियों के दवा निर्माण लाइसेंस को रद्द करने के साथ ही 72 कंपनियों के उत्पादों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही पांच कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और दस कंपनियों के सेल लाइसेंस को निरस्त करने की सिफारिश की है. यही नहीं, 6 कंपनियों के परिसर सील किये गये हैं. इसी क्रम में कुमाऊं में 81 लाइसेंस को सस्पेंड किये गये हैं. नौ कंपनियों के लाइसेंस निरस्त किये गये हैं. 11 दवा निर्माता कंपनियों के लाइसेंस भी सस्पेंड किये गये हैं.

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड में GST कलेक्शन में 12.19 फीसदी की बढ़ोतरी, देश में हासिल किया 13 वां स्थान

खाद्य संरक्षा और औषधि नियंत्रण प्रशासन के आयुक्त आर राजेश कुमार ने कहा राज्य में अवैध ड्रग और नकली दवाओं के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. ऐसे में नकली या सबस्टैंडर्ड दवाएं बनाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. आर राजेश कुमार ने कहा विभाग नशे की रोकथाम के लिए प्रयास कर रहा है. इस तरह के गैर कानूनी ड्रग बनाने वाली या उत्पाद बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.