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कुमाऊं के छह जिलों में 99 जनऔषधि केंद्र संचालित हैं। कुछ केंद्र सीधे कंपनी की ओर से चल रहे है तो कुछ गैर सरकारी संस्थाओं व कुछ रेडक्रास सोसाइटी के अधीन हैं। पिछले कई वर्षों से वर्टेक्स ही दवाइयां की आपूर्ति करा रहा था लेकिन दो वर्ष से इस वितरक ने दवाइयों की आपूर्ति बंद कर दी है।

जिस तरह से जेनेरिक दवाइयों को लेकर प्रचार किया गया है, उस लिहाज से आमजन को लाभ नहीं मिल पा रहा है। कुमाऊं में इन दवाइयों का लाभ न मिलने का कारण डिस्ट्रीब्यूटर का कंपनी से विवाद बताया जा रहा है।

इसकी वजह से अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर दो वर्ष से जनऔषधि केंद्रों में दवाइयां उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं। इस तरह की स्थिति से जनऔषधि केंद्र संचालक भी परेशान हैं। इसकी शिकायत कई बार अधिकारियों से कर चुके हैं, लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है।

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कुमाऊं के छह जिलों में 99 जनऔषधि केंद्र संचालित हैं। कुछ केंद्र सीधे कंपनी की ओर से चल रहे है तो कुछ गैर सरकारी संस्थाओं व कुछ रेडक्रास सोसाइटी के अधीन हैं। पिछले कई वर्षों से वर्टेक्स ही दवाइयां की आपूर्ति करा रहा था, लेकिन दो वर्ष से इस वितरक ने दवाइयों की आपूर्ति बंद कर दी है।

यही कारण है कि जनऔषधि केंद्रों को देहरादून, दिल्ली समेत अन्य शहरों से दवाएं मंगवानी पड़ रही हैं। केंद्र संचालकों का कहना है कि दूसरे शहरों से दवाइयां मंगवाने पर जरूरी दवाइयां न ही समय पर मिल पाती हैं और जो मिली रही हैं, उनमें भी कई एक-दो महीने बाद ही एक्सपायर हो जाती हैं। ऐसी दवाइयां 20 से 22 प्रतिशत तक होती हैं। इसका खामियाजा केंद्र संचालकों को भुगतना पड़ता है। साथ ही मरीजों को भी दवाइयां नहीं मिल पाती हैं।

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जनऔषधि केंद्रों में जेनेरिक दवाइयों पर बखेड़ा

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत संचालित जनऔषधि केंद्रों में पीएमबीआइ (फार्मास्यूटिकल एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो आफ इंडिया) ही जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करता है। इनकी आपूर्ति न होने से कई केंद्र अन्य कंपनियों की जेनेरिक दवाएं उपलब्ध करा रहे हैं, जिसे वह 40 से 80 प्रतिशत की छूट पर देते हैं, जबकि अन्य मेडिकल स्टोर केवल 10 प्रतिशत सब्सिडी में ही ऐसी जेनेरिक दवाइयां बेचते हैं। इसे लेकर भी घमासान छिड़ा हुआ है। शहर के अन्य मेडिकल स्टोर संचालकों का तर्क है कि जनऔषधि केंद्र पीएमबीआइ के अतिरिक्त जेनेरिक दवाइयां नहीं रख सकते हैं।

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जनऔषधि केंद्रों में दवा आपूर्ति के संचालन में कुछ बदलाव आने वाले हैं। जल्द ही पर्याप्त दवाइयां सभी जनऔषधि केंद्रों पर उपलब्ध होने लगेंगी।

– तपन शर्मा, नोडल अधिकारी पीएमबीआइ

पीएम जनऔषधि केंद्रों में जेनेरिक दवाइयां की आपूर्ति निरंतर बनी रहनी चाहिए। इनमें पीएमबीआइ के अतिरिक्त जेनेरिक दवाइयां को न रखा जाए, जिससे बाजार में मूल्यों की विसंगतियों की स्थिति न पैदा हो।

– गोपाल अधिकारी, अध्यक्ष केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन