हल्द्वानी में काठगोदाम से लेकर दमुवाढुंगा तक नहर पर हुए अतिक्रमण के मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर एवं न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने सुनवाई की। खंडपीठ ने राज्य सरकार को 3 मार्च तक शपथपत्र के माध्यम से रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अतिक्रमण को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई की। नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हुईं। उन्होंने स्वीकार किया कि नहर पर अतिक्रमण हुआ है। कुल 14 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने नहरों की सर्वे रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की। उन्होंने यह भी बताया कि नहरों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार ने बजट स्वीकृत कर दिया है।
मरम्मत का कार्य छह माह में पूरा कर लिया जाएगा। इस मामले में अगली सुनवाई तीन मार्च को होगी। दायर जनहित याचिकाओं में कहा गया कि काठगोदाम से दमुवाढुंगा तक नहरों पर अतिक्रमण कर आवास या दुकानों का निर्माण किया गया है। अतिक्रमण के चलते बरसात में क्षेत्र में जल भराव व बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। सड़कों पर जलभराव से आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अतिक्रमण को हटाने की मांग की गयी।


