भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने उत्तराखंड में आगामी 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए पांच समितियों का गठन किया है। हालांकि, चीन में आयोजित होने जा रहे एशियाई विंटर गेम्स के कारण राष्ट्रीय खेलों की प्रस्तावित तारीखों में संशय उत्पन्न हो गया है।
आईओए द्वारा तारीखों में बदलाव का संकेत
आईओए ने बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर इस बाबत जानकारी दी। पत्र के पहले पैराग्राफ में कहा गया है कि अगले साल 28 जनवरी से 14 फरवरी के बीच राष्ट्रीय खेलों का आयोजन प्रस्तावित है, जिसे आईओए ने स्वीकार किया है। लेकिन, उसी पत्र के दूसरे पैराग्राफ में यह भी उल्लेख किया गया है कि 7 से 14 फरवरी तक चीन के हार्बिन में एशियाई विंटर गेम्स का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भारत से भी खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। इस वजह से उत्तराखंड में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों की तारीखों में उचित बदलाव की आवश्यकता होगी, ताकि दोनों प्रमुख खेल आयोजनों की तारीखों में कोई टकराव न हो।
राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए पांच समितियों का गठन
आईओए ने राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों को लेकर पांच समितियां गठित की हैं, जिनका मुख्य कार्य खेलों की विभिन्न प्रतियोगिताओं और आयोजन से जुड़ी अंतिम रूपरेखा तैयार करना होगा। इन समितियों के प्रमुख निम्नलिखित हैं:
1. गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी (जीटीसीसी) – अध्यक्ष: सुनैना कुमारी (नौ सदस्य)
2. एनएसएफ-एसओए कोऑर्डिनेशन कमेटी – अध्यक्ष: मधुकांत पाठक (छह सदस्य)
3. प्रोटोकॉल कमेटी – अध्यक्ष: विट्ठल शिरगाओंकार (चार सदस्य)
4. सेफगार्डिंग कमेटी – अध्यक्ष: सुमन कौशिक (दो सदस्य)
5. प्रिवेंशन ऑफ मैनिपुलेशन ऑफ कंपीटिशन कमेटी – अध्यक्ष: आईएएस आरके सुधांशु (तीन सदस्य)
इन समितियों का मुख्य उद्देश्य खेलों के संचालन, प्रोटोकॉल, सुरक्षा, और प्रतियोगिताओं के निष्पक्षता की निगरानी सुनिश्चित करना है।
मुख्यमंत्री का बयान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेल ऐतिहासिक होंगे और राज्य सरकार इन्हें यादगार बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखेगी। उन्होंने कहा, “हम अन्य राज्यों के अनुभवों से सीखते हुए उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन बेहतर तरीके से करेंगे, ताकि ये खेल सभी के लिए प्रेरणादायक और सफल साबित हों।”
अंतिम तारीखों पर असमंजस
हालांकि, आईओए द्वारा तारीखों में बदलाव का संकेत देने से आयोजन की तारीखों पर असमंजस उत्पन्न हो गया है। यह देखा जाना होगा कि एशियाई विंटर गेम्स और राष्ट्रीय खेलों के बीच तारीखों के टकराव को कैसे हल किया जाता है और दोनों आयोजनों के लिए एक सुविधाजनक समय तय किया जाता है।