विभाग नियमित अंतराल पर इस शुल्क को बढ़ाने के स्थान पर तीन या चार साल के अंतराल शुल्क में एकमुश्त वृद्धि करते हैं। इससे यह वृद्धि अधिक दिखाई पड़ती है। साथ ही जनता इसका विरोध करती है। मंत्रिमंडल ने चिंतन शिविर के सुझाव के आधार पर शुल्क की दर को मुद्रास्फीति से जोड़ते हुए इस निर्णय को स्वीकृति दी।
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प्रदेश में जन सेवा से जुड़े विभागों को उपयोगकर्ता शुल्क (यूजर चार्जेज) बढ़ाने के लिए अब अनुमति लेने का झंझट नहीं होगा। अब हर वित्तीय वर्ष में एक अप्रैल से ही यूजर चार्जेज में पांच प्रतिशत वृद्धि हो जाएगी। इससे अब ये सेवाएं हर साल महंगी हो जाएंगी। आय संसाधन बढ़ाने की कसरत के अंतर्गत मंत्रिमंडल ने सभी सेवा प्रदाता विभागों के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिया। प्रदेश सरकार की ओर से 22 से 24 नवंबर, 2022 तक मसूरी में चिंतन शिविर में विभिन्न सेवा प्रदाता विभागों की सेवाओं के लिए उपयोगकर्ता शुल्क को वर्तमान मुद्रस्फीति दर से जोड़ने पर विचार किया था।
विभाग नियमित अंतराल पर इस शुल्क को बढ़ाने के स्थान पर तीन या चार साल के अंतराल शुल्क में एकमुश्त वृद्धि करते हैं। इससे यह वृद्धि अधिक दिखाई पड़ती है। साथ ही जनता इसका विरोध करती है। मंत्रिमंडल ने चिंतन शिविर के सुझाव के आधार पर शुल्क की दर को मुद्रास्फीति से जोड़ते हुए इस निर्णय को स्वीकृति दी। यही नहीं, विभाग यदि पांच प्रतिशत से कम वृद्धि का औचित्यपूर्ण प्रस्ताव देगा तो मंत्रिमंडल से इस पर अनुमोदन लिया जा सकेगा।
इनपर लगेगा अधिक चार्ज
सरकार के इस निर्णय स्थायी निवास प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र समेत अन्य प्रमाणपत्र, राशनकार्ड बनवाने, विभिन्न लाइसेंस बनवाने, अस्पतालों में ओपीडी पंजीकरण समेत जन सेवाओं के लिए निर्धारित उपयोगकर्ता शुल्क अब हर वित्तीय वर्ष में पांच प्रतिशत की वृद्धि के साथ महंगा हो जाएगा।
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