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प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रदेश का पहला ऐसा हॉस्पिटल है, जहां घुटनों के प्रत्यारोपण की सुविधा मिल रही है।

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घुटनों की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए यह खबर राहत देने वाली है। ऐसे गंभीर मरीजों को घुटना प्रत्यारोपण कराने के लिए अब बड़े निजी अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने होंगे। घुटना प्रत्यारोपण की सुविधा अब राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मिलेगी। यहां अस्थि रोग विभाग के विशेषज्ञों की टीमों ने दो दिनों के भीतर दो मरीजों के घुटनों का प्रत्यारोपण किया है।

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प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रदेश का पहला ऐसा हॉस्पिटल है, जहां घुटनों के प्रत्यारोपण की सुविधा मिल रही है। डॉ. सयाना का कहना है कि अब लोग बेहद कम खर्च पर घुटनों का प्रत्यारोपण करा सकेंगे। दून मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर अनिल जोशी, वरिष्ठ अस्थि रोग सर्जन डॉक्टर शशांक सिंह ने बताया कि अबरार हसन नामक 63 वर्षीय व्यक्ति पिछले कई साल से घुटनों की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे।

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अबरार की स्थिति यह हो गई थी कि वह चलने फिरने में पूरी तरह असमर्थ थे। जांच करने पर पता चला कि उनके दोनों घुटने खराब हो गए हैं और घुटनों के जोड़ में जगह बेहद कम हो गई है। मरीज के घुटनों का कार्टिलेज भी काफी कमजोर हो चुका था। इससे मरीज का घुटना शरीर का भार नहीं सह पा रहा था। सभी जांच के बाद डॉ. अनिल जोशी, डॉ. शशांक सिंह, डॉ. इंद्रजीत भौमिक, डॉ. पवनीस, डॉ. निशांत की टीम ने अबरार के घुटने का सफल प्रत्यारोपण किया।

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दूसरी ओर दून अस्पताल के ऑर्थोपेडिक विभाग के वरिष्ठ सर्जन डॉ. चंद्रशेखर और उनकी टीम ने देहरादून निवासी 67 वर्षीय मरीज हूरबानो के घुटने का सफल प्रत्यारोपण किया। टीम में डॉ. संदीप, डॉ. अक्षत, डॉ. मानवेंद्र और डॉ. आदित्य शामिल रहे।

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