खबर शेयर करें -

डीआरडीओ यानी डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन के डिबेर के दो कर्मचारी चरस तस्करी में लिप्त पाए गए। इनमें से एक हल्द्वानी में रहकर चरस की तस्करी करता था,

जबकि दूसरा इस धंधे का मुख्य पैडरल है। तस्करी करने वाले डीआरडीओ के वेटर को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि पैडलर की तलाश की जा रही है।

यह भी पढ़ें -  सेना के जवान पर नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप, मुकदमा दर्ज

गोरापड़ाव में डीआरडीओ की रक्षा जैव उर्जा अनुसंधान संस्थान (डेबर) स्थित है। एसओजी प्रभारी संजीत राठौड़ ने बताया कि गोरापड़ाव चौराहे से अर्जुनपुर रोड की तरफ चेकिंग के दौरान मंगलवार रात एक स्कूटी सवार को रोककर पूछताछ की गई। उसने उसने खुद को नामिक नाचनी पिथौरागढ़ निवासी जोगा सिंह बताया।

यह भी पढ़ें -  12 जिलों में 10529 बूथ, 47.72 लाख मतदाता चुनेंगे 66415 प्रतिनिधि; पूरी डिटेल

साथ ही बताया कि वह डीआरडीओ के डिबेर में वेटर का काम करता है। एसओजी ने तलाशी ली तो स्कूटी की सीट के नीचे दो किलो 407 ग्राम चरस मिली। सख्ती से पूछा तो बताया कि बरामद चरस डिबेर में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत कैमू गोगिना बागेश्वर निवासी कुंदन रौतेला ने किसी व्यक्ति को सप्लाई करने के लिए दी थी। अब एसओजी दूसरे आरोपी सुपरवाइजर की तलाश कर रही है।