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विजिलेंस के अधिकारी बनकर प्रधान सहायक से एक लाख ठगने के चार आरोपियों में से तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। नोएडा निवासी चौथी महिला अभी फरार है

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जिलेंस के अधिकारी बनकर प्रधान सहायक से एक लाख ठगने के चार आरोपियों में से तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। नोएडा निवासी चौथी महिला अभी फरार है। पुलिस उसको पकड़ने के लिए दबिश दे रही है। पुलिस ने इनके पास से 90 हजार रुपये और घटना में प्रयुक्त कार भी बरामद कर ली है। घटना को अंजाम देने वाले दो आरोपी एक न्यूज चैनल के पत्रकार हैं।

शुक्रवार को मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग कार्यालय कालाढूंगी रोड में प्रधान सहायक के पद पर तैनात उमेश चंद्र कोठारी से चार लोगों ने विजिलेंस अधिकारी बनकर एक लाख रुपये ठग लिए थे। आरोपियों ने प्रधान सहायक को कुछ वीडियो भी दिखाए। पैसा नहीं देने पर ट्रैप करने और वीडियो वायरल करने की धमकी दी। प्रधान सहायक की तहरीर पर पुलिस ने महिला सहित चार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। रविवार को बहुउद्देशीय भवन में खुलासा करते हुए एसपी क्राइम डाॅ. जगदीश चंद्र ने बताया कि पुलिस ने इसकी जांच के लिए कई सीसीटीवी खंगाले। सीसीटीवी में दिख रहे व्यक्ति की पहचान ऊधमसिंह नगर में एक न्यूज चैनल में तैनात भूपेंद्र सिंह पन्नू निवासी निकट विद्या मंदिर इंटर काॅलेज बाजपुर के रूप में हुई।

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उधर घटना में प्रयुक्त कार के नंबर से मालिक की भी पहचान की गई। पुलिस ने भूपेंद्र सिंह के ठिकानों में छापे मारे। पता चला कि भूपेंद्र सिंह अपने ससुराल मनीहार गोठ चंपावत में छिपा हुआ है। पुलिस ने यहां दबिश देकर सौरभ गावा निवासी गली नंबर तीन शांति बिहार रुद्रपुर और सुंदर सिंह निवासी कॉलोनी नंबर दो गूलरभोज को 90 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार कर लिया। घटना में प्रयुक्त कार यूके06बीए 4534 को भी चंपावत से बरामद कर लिया। उधर आरोपी साक्षी सक्सेना निवासी नोएडा अभी फरार है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए नोएडा गई हुई है।

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सौरभ गावा पर हैदराबाद में दर्ज है रंगदारी का मामला
पकड़े गए दो पत्रकारों पर पहले ही कई धाराओं में मुकदमा दर्ज है। पुलिस पकड़े गए आरोपियों की केस हिस्ट्री खंगाल रही है। एसपी क्राइम ने बताया कि सौरभ गावा पर थाना करीम नगर हैदाराबाद में 2019 में चिकित्सक का स्टिंग कर एक लाख रुपये रंगदारी मांगने का केस दर्ज है और जेल भी जा चुका है। दूससे पत्रकार भूपेंद्र सिंह पन्नू पर बाजपुर थाने में 2021 में एक मुकदमा दर्ज हुआ था। इस पर एक व्यक्ति की कार को कब्जे में रखकर अमानत में खयानत का मामला दर्ज है।

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कैसे मिली मान्यता, पुलिस की जांच में क्या निकला
भूपेंद्र सिंह एक न्यूज चैनल के स्टेट ब्यूरो चीफ के पद पर तैनात है। सौरभ गावा भी उस ही न्यूज चैनल में एसआईटी हेड है। इन दोनों को सूचना विभाग से ऊधमसिंह नगर और देहरादून में मान्यता प्राप्त है। सवाल उठ रहे हैं कि मान्यता देने से पहले एलआईयू जांच हुई थी या नहीं। जांच में क्या लिखा था। सूचना विभाग ने जांच को नजरअंदाज किया या एलआईयू की जांच गलत थी। बता दें कि एलआईयू जांच रिपोर्ट के आधार पर ही सूचना विभाग मान्यता देता है। इधर, पुलिस इन दोनों पत्रकारों की मान्यता रद्द करने के लिए सूचना विभाग को पत्र भेजेगी। एसपी क्राइम ने बताया कि सोमवार को सूचना विभाग को पत्र भेज दिया जाएगा।

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प्रधान सहायक हिम्मत नहीं दिखाते तो पकड़ में नहीं आता मामला
हल्द्वानी। प्रधान सहायक उमेश चंद्र कोठारी ने सबसे पहले ये बात अपने अधिकारियों और साथी कर्मचारियों को बताई। उन्होंने पुलिस से शिकायत करने को कहा। इसके बाद उमेश कोठारी ने हिम्मत कर मुकदमा लिखवाया। उमेश चंद्र कोठारी ने जब अधिकारियों को बताया कि विजिलेंस का अधिकारी पैसा लेने के लिए उसके साथ बाइक में बैठकर गया। ये बात अधिकारियों को खटक गई। उन्होंने कहा कि विजिलेंस का अधिकारी क्यों बाइक में बैठकर जाएगा।

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