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जेल में बंद नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। गिरफ्तारी स्टे का उल्लंघन कर फरार हुए मुकेश बोरा को पुलिस ने रामपुर से पकड़ा था। सोमवार को मुकेश बोरा ने पॉक्सो कोर्ट में जमानत याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

दुग्ध संघ में काम करने वाली एक महिला ने मुकेश बोरा पर दुष्कर्म और उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। एक सितंबर को मुकेश बोरा के खिलाफ लालकुआं में दुष्कर्म व पॉक्सो की धारा में मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमा दर्ज होते ही मुकेश फरार हो गया।

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किसी सूरत वह हाईकोर्ट से गिरफ्तारी स्टे लाने में कामयाब हो गया, लेकिन सशर्त मिले स्टे में कोर्ट ने कहा कि स्टे की अंतिम तारीख तक उसे अल्मोड़ा कोतवाली में न सिर्फ हाजिरी देनी होगी बल्कि जांच में पुलिस की मदद करनी होगी। इसके इतर मुकेश स्टे की तारीख खत्म होने से पहले ही फरार हो गया।

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सितंबर के अंतिम सप्ताह में पुलिस ने उसे रामपुर के चक्कू चौक से गिरफ्तार किया। तब से वह जेल में बंद है। पुलिस भी सिर्फ एक दिन की रिमांड लेकर उससे पूछताछ कर पाई है।

कुछ दिन पूर्व उसने हल्द्वानी पॉक्सो कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी डाली थी। किन्हीं वजहों से मामले की सुनवाई टल रही थी। सोमवार को पॉक्सो कोर्ट ने सुनवाई की और मुकेश बोरा को जमानत देने से इंकार कर दिया। जमानत पर पुलिस की ओर से भी आपत्ति लगाई गई। कहा गया कि मुकेश बोरा फिर से फरार हो सकता है। सीओ सिटी नितिन लोहनी ने बताया कि पूछताछ के लिए मुकेश बोरा की कोर्ट से दोबारा रिमांड मांगी जाएगी।