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 शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सक पुनीत कुमार गोयल से मारपीट के मामले में छात्र संघ अध्यक्ष सूरज रमोला और साथियों के खिलाफ कार्रवाई पर गुरुवार को कॉलेज से कोतवाली तक जमकर हंगामा हुआ। छात्र नेताओं ने कॉलेज में तालाबंदी और हंगामा करते हुए प्रवेश का पहला दिन बाधित कर दिया। जिसके बाद छात्र नेताओं का गुट कोतवाल पहुंच गया। पहले कोतवाली घेरकर हंगामा किया और फिर सीओ दफ्तर में घुसकर सीओ के सामने नारेबाजी की

मुखानी में केवीएम स्कूल के सामने रेडिएंट हॉस्पिटल में बीती 5 जुलाई को डॉ.पुनीत कुमार गोयल के साथ मारपीट की घटना हुई थी। इस मामले में मुखानी पुलिस ने चिकित्सक की तहरीर पर छात्र संघ अध्यक्ष सूरज रमोला, विशाल सैनी, हितेश जोशी, राहुल मठपाल, मनीकेत तोमर, मोहित खोलिया व अन्य अज्ञात के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 333, 309(4), 115(2), 352, 351(2), 351(3) व 191(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया था। तब से छात्र संघ अध्यक्ष व अन्य आरोपी फरार हैं।

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पुलिस की इस कार्रवाई की एकतरफा बताते हुए छात्र नेता बड़ी संख्या में मूर्ति राम बाबू राम स्नातकोत्तर महाविद्यालय पहुंच गए। कॉलेज में छात्रों के प्रवेश का पहला था। छात्र नेताओं ने हंगामा करते हुए प्रवेश प्रक्रिया बाधित कर दी और कॉलेज गेट में ताला डाल दिया। हंगामे की सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन छात्र नेताओं ने प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं होने दी।

कॉलेज से निकले पूर्व अध्यक्ष रवींद्र रावत, पूर्व महासंघ अध्यक्ष गौरव मठपाल, पूर्व उपाध्यक्ष गौरव संभल, कौशल बिरखानी, निखिल सोनकर, निश्चय, यतिन पांडे, नितिन पांडे, सौरभ बिष्ट, अमन बिष्ट, भूमिका लटवाल, अंजली उप्रेती, निकिता गोरिया, बरखा, अशोक बोहरा, मुकुल प्रताप, पवन बिष्ट, कमल बोरा, रक्षित बिष्ट समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं कोतवाली पहुंच गए। करीब आधा घंटा नारेबाजी और हंगामा करने के बाद सभी सीओ सिटी के दफ्तर में घुस गए।

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यहां छात्रों ने सीओ सिटी नितिन लोहनी का घेराव कर लिया और नारेबाजी करते हुए पुलिस पर गलत मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया। सीओ नितिन लोहनी ने छात्रों का भरोसा दिया है कि मामले की जांच की जा रही है और किसी भी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। एमबीपीजी कॉलेज के छात्र हर्ष शर्मा ने बताया कि बुधवार को छात्रसंघ की ओर से एमबीपीजी का छात्र अभिषेक सैनी बुधवार को कोतवाली में डॉक्टर गोयल के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने गया था। कोतवाली में पुलिस ने उसे कई घंटे बैठाए रखा और फिर भी उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी। इसे लेकर छात्रों ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है।

चिकित्सक से बिल कम करने को कहा था 

छात्रों का कहना है कि अस्पताल में उनका साथी भर्ती था, जिसके डिस्चार्ज होने पर उन्होंने डॉक्टर से बिल कम करने के लिए कहा था और इसी बात पर डॉक्टर गोयल ने उनसे बदसलूकी शुरू कर दी और फिर हाथापाई शुरू हो गई। छात्रों ने डॉक्टर की दराज से रुपये निकालने के आरोप भी गलत बताया है। छात्रों ने अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज चेक कराने की मांग की है।

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आखिर चिकित्सक को तीन दिन बाद क्यों आई रिपोर्ट की याद

वायरल वीडियो में दिख रहा है कि 5 जुलाई को छात्रों ने डॉक्टर की पिटाई की और इसके बाद वह उसे दौड़ाते हुए सड़क पर पीटते हुए लाए। नाराज छात्रों का कहना है कि डॉक्टर पुनीत कुमार गोयल को घटना के तीन दिन गुजर जाने के बाद रिपोर्ट लिखाने की याद क्यों आई। घटना के दिन ही रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज कराई। डॉक्टर अपनी बदनामी से बचने के लिए बेबुनियाद आरोप लगा रहा है।

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