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हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड की ओर से अधिवक्ता के खिलाफ शिकायत करने पर फीस 450 रुपये से बढ़ाकर 5,500 रुपये करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की।

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हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड की ओर से अधिवक्ता के खिलाफ शिकायत करने पर फीस 450 रुपये से बढ़ाकर 5,500 रुपये करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने इस मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया और उत्तराखंड बार काउंसिल को एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मेरठ निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक सत्यदेव त्यागी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता के अनुसार बार काउंसिल ऑफ इंडिया का नियम है कि वकील के खिलाफ शिकायत करने के लिए अधिकतम 450 रुपये ही फीस ली जाएगी। कहा गया कि बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड ने एक अवैध प्रस्ताव पारित कर पहले इस राशि को बढ़ाकर 1700 रुपये किया और फिर 2022 में 5,500 रुपये कर दिया। अधिक फीस के कारण कई बार शिकायतकर्ता अधिवक्ता के कदाचार के खिलाफ शिकायत नहीं कर पाते। इस तरह फीस बढ़ाना निषेधात्मक है। याचिकाकर्ता की मांग है कि इसे रद्द किया जाना चाहिए। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई कि एक वकील के खिलाफ शिकायत करने की फीस मात्र 450 रुपये करने का निर्देश बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड को दिया जाए। इस बाबत बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड ने कहा कि अनावश्यक शिकायतों को रोकने के लिए फीस वृद्धि की जा रही है। कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 13 जून को होगी।

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