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एमबीपीजी कॉलेज में छात्रों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा। छात्र संघ चुनाव कराने को लेकर पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे छात्र सोमवार को फिर उग्र हो गए। पुलिस और पूरे कॉलेज स्टाफ की मौजूदगी के बावजूद छात्रों ने बहुउद्देशीय भवन का ताला तोड़ डाला।

छात्र बहुउद्देशीय भवन की तीसरी मंजिल पर पहुंच गए और चुनाव कराने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। इधर, छात्रों के दूसरे गुट ने जबरन प्राचार्य के कक्ष में घुसने का प्रयास किया। इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

प्रदेश सरकार छात्र संघ कराने के मूड में नहीं हैं और छात्र लगातार इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। पिछले 9 दिनों से कॉलेज के भीतर धरने पर बैठे छात्र सोमवार को फिर उग्र हो गए। छात्र धरना स्थल से उठकर कॉलेज में हंगामा और नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बावजूद जब छात्रों की बात नहीं सुनी गई तो रक्षित बिष्ट, अजय कुमार, हर्ष शर्मा, ज्योति दानु, उमा शंकर तिवारी अपने अन्य साथियों के साथ कॉलेज में स्थित लाल बहादुर शास्त्री बहुउद्देशीय भवन पहुंच गए। भवन में ताला लगा था और छात्र जबरन अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे।

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कॉलेज में पुलिस चंद पुलिस वाले छात्रों को रोक पाने में नाकाम हुए थे तो भारी मात्रा में पुलिस बल मौके पर बुला लिया गया। इससे पहले छात्र बहुउद्देशीय भवन में लगे ताले को तोड़ने की कोशिश करने लगे। ताला नहीं टूटा तो उन्होंने दरवाजे का कुंडा तोड़ दिया और भवन की तीसरी मंजिल पर पहुंच गए। इस बीच पुलिस मौके पर पहुंच गई और अन्य छात्रों को अंदर जाने से रोक दिया। हालांकि ऊपर चढ़े छात्रों को पुलिस नीचे नहीं उतार सकी।

दोपहर करीब एक बजे बहुउद्देशीय भवन की छत पर चढ़े छात्र लगातार नीचे कूदने की धमकी दे रहे थे। करीब ढाई बजे प्राचार्य डॉ.एनएस बनकोटी ने छात्रों को भरोसा दिया कि वह नीचे उतर आएं। वह उनकी मांगों को ऊपर तक पहुंचाएंगे। जिसके बाद छात्र नीचे उतर आए। हालांकि बाद में कॉलेज प्रशासन की ओर से छत पर चढ़े सभी छात्रों व उनके साथियों के खिलाफ कॉलेज की संपत्ति को क्षति पहुंचाने को लेकर कोतवाली पुलिस को तहरीर सौंपी।

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प्राचार्य को आत्मदाह की धमकी देकर लौटे छात्र 
 इधर, छात्रों का एक गुट छत पर चढ़ा और उधर दूसरा गुट चुनाव कराने की मांग को लेकर प्राचार्य डॉ.एनएस बनकोटी के दफ्तर पहुंच गया। यहां पहले से तैनात पुलिस ने छात्रों को अंदर नहीं जाने दिया। अंदर जाने की जद्दोजहद में पुलिस और छात्रों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस अपनी बात रखने के लिए सिर्फ दो लोगों को अंदर जाने की इजाजत दे रही थी, लेकिन सभी छात्र एक साथ अंदर जाना चाहते थे। करीब 20 मिनट की जद्दोजहद के बाद भी जब छात्र अंदर दाखिल नहीं हो पाए तो आत्मदाह की धमकी देते हुए वापस लौट गए। हालांकि प्राचार्य को ओर से संदेश भिजवाया गया कि वह हंगामा करने के बजाय अपनी मांग को लिखित में दें।


9वें दिन भूख हड़ताल में तब्दील हुआ धरना
पिछले माह 27 अक्टूबर को रविवार था और छात्र इससे पहले ही चुनाव कराने की मांग पर अड़े थे। रविवार होने के बावजूद छात्र बड़ी संख्या में कॉलेज के बाहर पहुंच गए। कॉलेज के गेट बंद था और बाहर पुलिस तैनात थी। बावजूद इसके छात्र पहले गेट पर चढ़े और फिर कॉलेज के भीतर कूद गए। इसी दिन से कॉलेज में धरना चल रहा था। 4 नवंबर को आश्वासन के बाद छात्र बहुउद्देशीय भवन से नीचे तो उतर आए और 9 दिन से चल रहे धरने को खत्म कर भूख हड़ताल शुरू कर दी।

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रक्षित बिष्ट ने मांगी प्रशासनिक अधिकारी से माफी
छात्र संघ चुनाव में भाग्य आजमाने की जुगत में लगे रक्षित बिष्ट किसी न किसी बात को लेकर लगातार विवादों में हैं। ऐसा ही एक विवाद रक्षिता का कॉलेज के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सुरेंद्र रौतेला के साथ हुआ था। दरअसल, 25 अक्टूबर को चुनाव तिथि घोषित होने के बाद अचानक चुनाव न कराने का फैसला लिया गया।

नाराज छात्र ज्वलनशील पदार्थ लेकर छत पर चढ़ गए। आत्मदाह का प्रयास किया और इस दौरान रक्षित और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी की बीच तीखी बहस हुई। जिसके बाद वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने रक्षित के खिलाफ तहरीर दी। बताया जा रहा है कि इस मामले में सोवार को रक्षित ने लिखित माफीनामा दिया।