हिंदू धर्म में शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है. इनका प्रकोप मानव जीवन में उथल-पुथल मचाकर कई समस्याओं को पैदा करता है इसलिए शनि देवता के प्रकोप से हर कोई बचना चाहता है. ज्योतिष वो माध्यम है जिसके द्वारा इंसान अपने जिंदगी में घटित हो रही समस्याओं का हल ढूंढ सकता है. ऐसे में आज शनिवार को बात न्यायाधीश शनि की साढ़े साती और ढैया की. शनि महाराज ठीक एक महीने बाद यानी 17 जनवरी को वह अपनी दूसरी राशि कुंभ में आ जाएंगे जहां वो 29 जनवरी 2025 तक यानी करीब ढाई साल रहने वाले हैं.
इन राशि के जातकों को संभलने की जरूरत
शनि की दृष्टि पड़ते ही किसी शख्स की राशि पर ढैय्या प्रारम्भ हो जाती है. अभी मिथुन और तुला राशि वालों की ढैय्या चल रही है. जो शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही समाप्त हो जाएगी. वहीं कुंभ में प्रवेश के साथ ही शनि महाराज कर्क और वृश्चिक राशि वालों के कर्मों पर अपनी निगाह रखेंगे, जिसके चलते इन राशि वालों को समय-समय पर परीक्षा देनी होगी.
तीन चरणों में होती है साढ़े साती
शनि देव की कुल 3 चरणों में साढ़ेसाती चलती है जिसमें से प्रत्येक चरण ढाई साल का होता है. ऐसा माना जाता है कि पहले चरण में शनि, मानसिक तनाव, मानसिक कष्ट आदि उत्पन्न करते हैं. तो दूसरे चरण में पीड़ित शख्स के जीवन में शारीरिक कष्ट और आर्थिक समस्याएं पैदा होती हैं. वहीं जब शनि तीसरे चरण में प्रवेश करते हैं तो यह आखिरी चरण होता है लेकिन इससे संबधित राशि को दोनों चरणों में हुए नुकसान की भरपाई करवाते हैं. हालाकि इस बार कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती लगने वाली है इसलिए कुंभ राशि के जातकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है.
साढ़ेसाती के दौरान ये बरतें सावधानी
साढ़ेसाती से बचने के लिए हमेशा सतर्क रहना होगा. इसके लिए आप किसी से भी वाद-विवाद न करें. जब भी सड़क पर उतरें तो सावधानीपूर्वक उतरें एवं ध्यान से गाड़ी चलाएं. अगर संभव हो तो रात्रि में गाड़ी कतई न चलाएं. कानूनी उलझन से जितना हो सके दूरी बनाए रखें. मंगलवार और शनिवार को खासतौर पर शराब और मांस मदिरा का सेवन न करें और न ही इन दोनों दिन काले रंग के कपड़े पहनें. जब भी इन दोनों दिन खरीदारी करें तो चमड़े का सामान न खरीदें.
अहंकार का टकराव करने से बचना होगा इससे आपसी संबंधों में दरार पड़ सकती है. निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत से मुंह न चुराएं. मेहनत करने पर ही मनोवांछित फल प्राप्त होगा. आपको किसी के साथ अनैतिक कार्य और षड्यंत्र रचने से बचना होगा, नहीं तो कानूनी कार्यवाही में फंस सकते हैं. अपनी दिनचर्या दुरुस्त करें. स्वस्थ्य रहने के लिए योग एवं ध्यान करें. अपनी वाणी और क्रोध पर कंट्रोल जरूर रखें.
मांस-मदिरा, अनैतिक संबंधों से दूरी बनाने जैसे उपाय अपनाकर कोई भी अपने जीवन में आने वाले भविष्यफल (horoscope) को सुरक्षित बना सकता है.
साढ़ेसाती के उपाय
1. शनिदेव कर्मों के अनुसार फल देते हैं और दान करना पुण्य कर्म माना गया है. इसलिए शनिवार के दिन लोहा, काले उड़द की दाल, काला तिल या काला वस्त्र दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं.
2. शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और शनि स्त्रोत का पाठ करें तो शनिदेव प्रसन्न होंगे.
3. शनिवार के दिन शनिदेव के मंदिर में जाकर सरसों के तेल में काला तिल मिलाकर शनिदेव को अर्पित करें.
4. हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव शांत हो जाते हैं और अशुभ फल नहीं देते. शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कम करने के लिए हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा पढ़ें.