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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिये उनकी पार्टी ने राजनीतिक विमर्श को नयी दिशा दी है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अपनी बनाई पिच पर खेलने के लिए मजबूर कर रही है. यात्रा के 100 दिन पूरे होने पर जयराम रमेश ने यह भी कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस के वैचारिक आधार को धार देने की कोशिश कर रहे हैं और पार्टी के निर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ ‘जुगलबंदी’ में काम कर रहे हैं.

यह पूछने पर कि क्या पार्टी अगले साल ऐसी एक और यात्रा निकाल सकती है, रमेश ने कहा, ‘‘मैं पोरबंदर (गुजरात) से परशुराम कुंड (अरुणाचल प्रदेश) तक यात्रा में निश्चित तौर पर हिस्सा लेना पसंद करूंगा, लेकिन क्या हम अगले साल यात्रा निकाल सकते हैं और हम ऐसा किस तरह कर सकते हैं, इस पर पार्टी के उचित मंचों पर चर्चा की जानी है.’’ कांग्रेस महासचिव (संचार) रमेश ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिये राहुल गांधी ने राजनीतिक विमर्श को नयी दिशा दी है. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस की सराहना, आलोचना, प्रशंसा और निंदा की गई. इसका क्या मतलब है कि हम बचाव की मुद्रा में थे. हम हमेशा उन चीजों पर प्रतिक्रिया देते थे, जो भाजपा कह रही थी या कर रही थी, लेकिन ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिये मुझे लगता है कि हम राजनीतिक विमर्श की दिशा तय कर पाने में काफी हद तक सफल रहे हैं.’’

उन्होंने कहा कि यात्रा का कांग्रेस संगठन के साथ भारतीय राजनीति पर भी ‘‘रोमांचक असर’’ पड़ा है. रमेश ने दावा किया कि यात्रा के कारण भाजपा ‘‘बैकफुट पर आ गई है, वह परेशान और बेचैन है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम विमर्श की शर्तों को बदलने में कामयाब रहे हैं. हम भाजपा के खिलाफ ऐसी पिच पर क्रिकेट खेल रहे हैं, जो हमने तैयार की है. हम भाजपा के खिलाफ उसके द्वारा तैयार की गई पिच पर क्रिकेट नहीं खेल रहे हैं.’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘वह (राहुल) ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं, जो भारतीय नागरिकों की गहन चिंता का विषय होने चाहिए. उन्हें निश्चित रूप से कांग्रेस पार्टी के लिए वैचारिक दिशासूचक के रूप में देखा जाता है. हमारे पास एक पूर्णकालिक निर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष (खरगे) है और राहुल गांधी के रूप में हमारे पास एक ऐसा व्यक्ति है, जो कांग्रेस के वैचारिक आधार को धार देने की कोशिश कर रहा है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह (राहुल) और खरगे जी जुगलबंदी में काम कर रहे हैं. राहुल पार्टी संगठन, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश भरने में काफी हद तक कामयाब रहे हैं. वह उनमें नयी उम्मीद जगा रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी फिर से खुद को देश की एक प्रतिष्ठित राजनीतिक शक्ति के रूप में स्थापित करेगी.’’ यह पूछने पर कि क्या इस यात्रा का मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक जैसे राज्यों में चुनावी असर देखने को मिलेगा, रमेश ने दोहराया कि यह चुनावी यात्रा नहीं, बल्कि वैचारिक यात्रा है. मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह यात्रा विचारों और विचारधाराओं के युद्धक्षेत्र पर कब्जा जमाने के लिए है. हां, हम कोई एनजीओ नहीं हैं, हम ‘संन्यासी’ बटालियन नहीं हैं, हम एक राजनीतिक दल हैं. हम चुनाव लड़ने के लिए हैं और हम जीतने के लिए चुनाव लड़ते हैं, लेकिन चुनावों पर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का सकारात्मक असर होगा या नहीं, यह पूरी तरह से कांग्रेस संगठन पर निर्भर करता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमारे अंदर एकता, अनुशासन और सामूहिक उद्देश्य की भावना है तो मुझे लगता है कि हम ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के संदेश को आगे ले जाने और चुनावी सफलता हासिल करने में कामयाब रहेंगे.’’

रमेश ने कहा कि यह यात्रा विधानसभा और लोकसभा चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि कांग्रेस के वैचारिक तटबंध को मजबूत करने, लोगों से फिर से जुड़ाव स्थापित करने और आर्थिक असमानता, बढ़ते सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक तानाशाही जैसी तीन बड़ी चुनौतियों से सामूहिक रूप से निपटने की भावना को आगे बढ़ाने के लिए शुरू की गई है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच तनातनी के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने राहुल के बयान को दोहराया कि दोनों नेता पार्टी के लिए अहम हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी और आलाकमान आगे जो भी निष्कर्ष निकाले, लेकिन सिद्धांत एकदम स्पष्ट है कि संगठन सर्वोच्च है. लोग आते हैं और जाते हैं, लेकिन संगठनात्मक हित सर्वोपरि हैं.’’

रमेश ने कहा, ‘‘मैं संगठनात्मक हित की सर्वोच्चता पर जोर दूंगा और मुझे यकीन है कि संकट का समाधान तलाशने की दिशा में काम कर रहे कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य नेताओं के दिमाग में भी यही बात है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिये राहुल गांधी खुद को जनता की नजरों में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में स्थापित करने में सफल रहे हैं, जो बहुत परवाह करने वाला, दयालु और संवेदनशील है. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैंने पहले भी कहा है और मैं फिर कहना चाहूंगा कि देश ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिये जिस राहुल गांधी को देख रहा है, वह नए नहीं, बल्कि असली राहुल गांधी हैं.’’

रमेश ने उन लोगों की आलोचना भी की, जो अनावश्यक रूप से कांग्रेस की निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कोसना न केवल दक्षिणपंथियों, बल्कि उदार टिप्पणीकारों का भी पसंदीदा शगल है. रमेश ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह बंद होना चाहिए. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के कारण कांग्रेस को कोसने की प्रवृत्ति काफी हद तक कम हुई है. मुझे नहीं लगता कि यह खत्म हुई है, लेकिन इसमें थोड़ी कमी जरूर आई है.’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारे देश के बड़े उदारवादी वर्ग को यह समझने की जरूरत है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा के ‘‘ध्रुवीकरण व जहरीले एजेंडे’’ को हराने का एकमात्रा तरीका कांग्रेस पार्टी, उसके मूल्यों तथा उसकी विचारधारों को मजबूत और पुनर्जीवित करना है.

कन्याकुमारी से सात सितंबर को शुरू हुई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने 102 दिन पूरे कर लिए हैं. यह पदयात्रा अब तक तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से होकर गुजरी है और फिलहाल राजस्थान में है.