राजकोट में टीआरपी (TRP) गेम जोन में भीषण आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें 9 बच्चे भी शामिल हैं. सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया.
गेमिंग जोन में आग लगने के वक्त अच्छी-खासी संख्या में लोग मौजूद थे, क्योंकि शनिवार को छुट्टी का दिन था, जिसके लिए 99 रुपये एंट्री फीस की स्कीम थी. साथ गेम जोन में 1500 से 2 हजार लीटर डीजल और गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल भी जमा होने की बात सामने आई है. वहीं, रेंज IG अशोक कुमार यादव ने अब तक 27 लोगों की मौत की पुष्टि की है.
गेमिंग जोन में आग लगने की घटना के बारे में जानकारी देते हुए कलेक्टर ने कहा कि शुरुआती जांच में आग लगने की वजह इलेक्ट्रिक कारण बताए जा रहे हैं. हालांकि, आग लगने के मुख्य कारण का अभी पता नहीं चला है. साथ ही सामने आया है कि इस गेमिंग जोन को फायर विभाग की ओर से NOC नहीं मिली थी. इस बारे में भी ज्यादा जानकारी फायर विभाग की ओर से ही सामने आएगी.
गेमिंग जोन में था डीजल-पेट्रोल का भंडार
टीआरपी गेम जोन में 1500 से 2000 लीटर डीजल जनरेटर और गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल जमा था, जिसकी वजह से आग तेजी से फैली और पूरा स्ट्रक्चर जल कर खाक हो गया. गेम जोन से बाहर निकलने और प्रवेश के लिए 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता था. आज एंट्री के लिए 99 रुपये की स्कीम थी, जिसकी वजह से हादसे के वक्त गेमिंग जोन में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
पहली मंजिल से बाहर आने का था एक ही रास्ता
शनिवार शाम को जब यह हादसा हुआ तब गेम जोन में खेल रहे बच्चों में से जो बाहर निकल गए उन्होंने बताया कि अचानक वहां के स्टाफ ने हमे आकर कहा कि आग लगी है, आप बाहर निकले जाएं. इसके बाद वहां से सभी लोग दौड़ कर बाहर आए पर कुछ लोग ही बाहर नहीं निकल सके, क्योंकि पहली मंजिल से बाहर निकलने का एक ही रास्ता था.
गेमिंग जोन का मालिक, मैनेजर गिरफ्तार
राजकोट गेम जोन के संचालक, मालिक समेत 3 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वरिष्ठ IPS अधिकारी सुभाष त्रिवेदी की अगुवाई में 5 अधिकारियों की SIT जांच करेगी. SIT 72 घंटों में प्राइमरी रिपोर्ट देगी. जिसमें आग क्यों लगी, गेमिंग जोन को मंजूरी थी या नहीं, फायर NOC था या नहीं, निर्माण के लिए नियमों का पालन हुआ था या नहीं?, अचानक बचाव के लिए क्या रास्ते थे? इस घटना के लिए सरकारी तंत्र या गेम जोन के मालिक की जिम्मेदारी थी? इन सभी मुद्दों पर प्राइमरी जांच होगी, फिर इसपर 10 दिन में SIT विस्तार से रिपोर्ट देगी. इसके अलावा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गेमिंग जोन का मालिक युवराज सिंह सोलंकी है और नितिन जैन मैनेजर है. इन दोनों के अलावा पुलिस ने एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.
आग से ढहा ढांचा
अधिकारियों के मुताबिक, भीषण आग के कारण ढांचा ढह गया और उसमें लोग दब गए. इसके कारण यह अग्निकांड और भयावह हो गया. ढांचे में दबे लोग निकल नहीं सके और उसमें से कई लोगों की जान चली गई. मरने वालों में 9 बच्चे भी शामिल हैं. जब आग लगी तब बच्चों सहित कई लोग गेम खेल रहे थे.
गेमिंग जोन बंद
आग लगने के बाद राजकोट के पुलिस आयुक्त, राजू भार्गव ने मीडियाकर्मियों को बताया कि आग लगने के कारण की जांच की जाएगी और शहर के सभी गेमिंग क्षेत्रों को परिचालन बंद करने के लिए एक संदेश जारी किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने X पर पोस्ट में कहा कि, राजकोट में गेम जोन में आग लगने की घटना में शहर प्रशासन को तत्काल बचाव और राहत कार्य करने का निर्देश दिया गया है. घायलों के तत्काल इलाज की व्यवस्था को को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया है.’ साथ ही राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. वहीं, इस हादसे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने दुख जताया है.