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नैनीताल : शहर में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पति ने पत्नी की सादगी व सीधेपन का फायदा उठाते हुए आसानी से तलाक के पेपर पर हस्ताक्षर करवा लिए

परिवार न्यायालय ने सम्मन जारी किया तो खुद ही रिसीव कर लिया। इसके बाद कोर्ट ने एकतरफा तलाक मंजूर कर लिया। पति से तलाक होने की पत्नी को खबर ही न लगी और कुछ दिनों जब उसे इसका पता चला तो उसके पैरों तले जमीन ही खिसक गई।

परिवार न्यायालय में की अपील

पत्नी को जब पति से तलाक होने की भनक लगी तो उसने परिवार न्यायालय में आपबीती बताई। इसके बाद न्यायालय ने अपना आदेश वापस ले लिया। इसपर पति ने आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी तो वहां से पति पर एक लाख का जुर्माना लगाते हुए 50 हजार पत्नी को देने व 50 हजार विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करने का आदेश पारित किया।

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हाई कोर्ट ने लगाया एक लाख का जुर्माना

पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार तहसील के मानपुर गांव निवासी महेंद्र प्रसाद द्विवेदी ने पत्नी लज्जा देवी से तलाक की डिक्री प्राप्त करने में परिवार न्यायालय से कामयाबी हासिल की, जबकि पत्नी उसके साथ ही रहती थी। लेकिन वह इस घटनाक्रम से वह अंजान थी। 27 सितंबर को हाई कोर्ट (Nainital High Court) के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने पति की निचली कोर्ट से पारित आदेश को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि विवाह “हिंदुओं के बीच पवित्र” है। पति ने विवाह संस्था को गंभीर रूप से कमजोर कर दिया था। याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश पारित किया। कोर्ट ने कहा कि पत्नी को 50 हजार रुपये और बाकी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करने होंगे।

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दंपती के हैं तीन बेटे

महेंद्र प्रसाद द्विवेदी ने 1996 में लज्जा देवी से शादी की थी। इस बीच उनके तीन बेटे हुए। पति-पत्नी के रूप में एक साथ रहते हुए 2013 में महेंद्र ने कोटद्वार के परिवार न्यायालय में क्रूरता के आधार पर तलाक की याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान सम्मन तामील किया गया, जिसमें उसने खुद ही सम्मन की पावती दिखा दी थी। पत्नी कार्यवाही के लिए उपस्थित नहीं हुई तो 30 अक्टूबर, 2021 को फैमिली कोर्ट ने एकतरफा तलाक की डिक्री पारित की। इसपर पत्नी ने 23 मई, 2022 को फैमिली कोर्ट में एक आवेदन कर तलाक की डिक्री को रद करने की मांग की। पत्नी ने कहा कि महेंद्र के दूसरी महिला के साथ संबंध है।