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प्रदेश के तदर्थ और संविदा कर्मचारी को विनियमित किए जाने संबंधित प्रस्ताव पर पिछली कैबिनेट बैठक के दौरान मुहर लग गई थी. लेकिन इसके कट ऑफ डेट को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी, ऐसे में कैबिनेट बैठक में तदर्थ और संविदा कर्मचारी को विनियमित संबंधित कट ऑफ डेट पर मंत्रिमंडल मुहर लग सकती है. इसके अलावा 26 जुलाई को शौर्य दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ी घोषणाएं की थी. जिसके तहत शहीदों के आश्रितों को दी जाने वाली धनराशि को 10 लाख से बढ़कर 50 लाख करने संबंधित प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल के सम्मुख रखा जा सकता है.

उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर ही राज्य सरकार, राजकीय कर्मचारी या पेंशनभोगियों की अविवाहित, विधवा और तलाकशुदा बेटी को पारिवारिक पेंशन देने का निर्णय लिया है. जिस पर वित्त विभाग की मंजूरी मिलने के बाद अब इस प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल सहमति जता सकती है. इसके साथ ही अतिथि शिक्षकों के मानदेय को बढ़ाने संबंधित प्रस्ताव, स्वास्थ्य सेवाओं की क्वालिटी को बेहतर करने के लिए स्टेट एलाइड एंड हेल्थ केयर काउंसिल का गठन करने संबंधित प्रस्ताव पर भी मुहर लगने की संभावना है. प्रदेश की सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के 123 मृतक कार्मिकों के आश्रितों को नौकरी दिए जाने संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगा सकती है.

दरअसल, पिछली कैबिनेट बैठक के दौरान सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के 68 मृतक आश्रितों को नौकरी दिए जाने संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लग गई थी. इसके साथ ही आयुर्वेद पाठ्यक्रमों में आयु सीमा में छूट दिए जाने संबंधित प्रस्ताव पर भी मुहर लग सकती है. उत्तराखंड के राजकीय मेडिकल कॉलेज में पीजी की पढ़ाई करने वाले डॉक्टर्स, दो साल तक दूसरे राज्यों में नौकरी नहीं कर सकेंगे, इससे संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगने की संभावना है. इसके अलावा, देहरादून में फोरेंसिक साइंस एक्सपोर्ट की तैनाती संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है. दरअसल, रजिस्ट्री में फ्रॉड केस होने पर गठित एसआईटी को संबंधित दस्तावेज की प्रामाणिकता जांचने के लिए चंडीगढ़ भेजना पड़ता है. लेकिन देहरादून में फोरेंसिक साइंस एक्सपोर्ट की तैनाती के बाद चंडीगढ़ नहीं जाना पड़ेगा. इसके साथ ही शिक्षा, खेल, आयुर्वेद, स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों से संबंधित प्रस्ताव पर भी मुहर लगने की संभावना है.