नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने लालकुआं बीजेपी नेता रेप केस मामले में आरोपी दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी प्रार्थनापत्र को खारिज कर दिया है. अदालत का कहना है कि ऐसे जघन्य अपराधों के आरोपी को अंतरिम राहत देने से विवेचना में बाधा पहुंच सकती है. वह सबूत से छेड़छाड़ कर सकता है.
पीड़िता पक्ष की ओर से पेश अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की एकलपीठ में सोमवार 17 सितंबर को सुनवाई के बाद न्यायालय ने मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी प्रार्थनापत्र पर वह सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था. आज कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड निर्णय सुनाते हुए एकलपीठ ने कहा आरोपी किसी अंतरिम राहत के योग्य नहीं है. लिहाजा इनकी गिरफ्तारी पर रोक संबंधी याचिका को खारिज किया जाता है. इस आदेश के बाद पुलिस आरोपी मुकेश बोरा के विरुद्ध जारी गैर जमानती वारंट के आधार पर उसे गिरफ्तार कर सकती है.