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उत्तरकाशी के पुरोला में उपजे विवाद के बाद वहां से समुदाय विशेष के लोगों ने दुकानें खाली करनी शुरू कर दी हैं। सात कारोबारियों ने दुकानें खाली कर दी हैं।

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उत्तरकाशी के पुरोला में उपजे विवाद के बाद वहां से समुदाय विशेष के लोगों ने दुकानें खाली करनी शुरू कर दी हैं। सात कारोबारियों ने दुकानें खाली कर दी हैं। वहीं नगर क्षेत्र में सुरक्षा और सौहार्द को देखते हुए पुलिस ने दो प्लाटून पीएससी भी तैनात कर दी है। एसपी अर्पण यदुवंशी ने सभी लोगों से सौहार्द और शांति बनाने की अपील है। इसके लिए उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया है।

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बीते 26 मई को पुरोला में समुदाय विशेष और उसके दोस्त ने एक नाबालिग को भगाने की कोशिश की थी जिन्हें स्थानीय लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने दोनों पर मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था। उसके बाद पुरोला सहित पूरे उत्तरकाशी जनपद में समुदाय विशेष और बाहरी व्यापारियों के खिलाफ आक्रोश का माहौल बन गया था।

जनपद के सभी बाजारों में अलग-अलग दिन व्यापारियों और विभिन्न संगठनों ने रैलियां निकालकर अपने प्रतिष्ठान बंद रखे थे। उसके बाद धीरे-धीरे पुरोला से कई समुदाय विशेष और बाहरी व्यापारियों ने शहर छोड़ दिया था वहीं अब बाहरी व्यापारी दुकानें छोड़ रहे हैं।

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मंगलवार देर शाम और बुधवार दिन में पुरोला शहर से सात समुदाय विशेष के लोगों ने अपनी दुकानें छोड़ दी हैं। इन व्यापारियों ने अपनी दुकान का सामान पैक कर दिया है। वाहन की व्यवस्था होते ही ये सामान विकासनगर या देहरादून की दुकानों में शिफ्ट कर देंगे।

वहीं पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाते हुए पुरोला में दो प्लाटून पीएससी तैनात कर दी है जो कि नगर में गश्त करेंगी। एसपी अर्पण यदुवंशी का कहना है कि शहर में किसी भी प्रकार का सामाजिक सौहार्द नहीं बिगड़ने दिया जाएगा।

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वहीं दूसरी ओर देवभूमि भैरव वाहिनी की प्रदेश अध्यक्ष संदीप खत्री भी पुरोला पहुंची जहां पर उन्होंने नाबालिग के परिजनों से मुलाकात करने की कोशिश की। लेकिन वह घर पर नहीं मिले। उसके बाद उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के साथ एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया जिसमें मांग रखी गई कि प्रदेश में बाहर से आने वाले लोगों के हर छह माह में सत्यापन अनिवार्य करवाया जाए जिससे देवभूमि में पुरोला जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।

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