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लखनऊ के निकट मलिहाबाद में हुए ट्रिपल मर्डर का कारण जमीन का मामूली टुकड़ा बना है. जमीन की पैमाइश के दौरान हुए खूनी संघर्ष ने रिश्तों का ही कत्ल कर डाला. एक-एक कर तीन लाशें गिरा दी गईं.

मात्र 6 फीट की जमीन 3 हंसती खेलती जानों की दुश्मन बन गई. गोलीबारी करने वाला लल्लन कभी गब्बर के नाम से जाना जाता था. उसने मामूली जमीन के खातिर ‘शोले’ के गब्बर सिंह वाला रूप धर लिया. पुलिस लल्लन की तलाश कर रही है. उसका ड्राइवर अशरफी पुलिस के हत्थे लग चुका है.

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यूपी के देवरिया के बाद अब मलिहाबाद सुर्खियों में है. यहां के मोहम्मदनगर तालुकेदारी गांव में जमीन की पैमाइश के दौरान शुक्रवार को विवाद हो गया था. आरोपी हिस्ट्रीशीटर ने अपने बेटे और साथियों संग मिलकर घर में घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर मां-बेटे और चचेरे भाई की हत्या कर दी थी. इस जघन्य वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी असलहा लहराते हुए फरार हो गए थे. आरोपी बाप-बेटा मृतकों के रिश्तेदार लगते हैं.

6 फीट की जमीन बनी खूनी संघर्ष की वजह

आरोपी हिस्ट्रीशीटर लल्लन खान उर्फ गब्बर खान ने अपने बेटे के साथ मिलकर अपने ही रिश्तेदार फरीद के 15 वर्षीय बेटे हंजला, पत्नी फरहीन और बीच-बचाव करने पहुंचे फरीद के चाचा मुनीर को गोलियों से भून डाला. इस हत्याकांड की वजह 6 फीट जमीन का विवाद बताया जा रहा है. इस मामले में डीएम का कहना है कि आरोपी और पीड़ित पक्ष की संयुक्त खाते की जमीन है. बंटवारे का मुकदमा हुआ, जिस पर 2012 में निर्णय आया. इसके बाद निगरानी 2018 में की गई. इसमें अपील भी कमिश्नरी में चल रही है.

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हथियार का लाइसेंस कैसे बना, होगी जांच

डीएम ने बताया कि एक पक्ष की ओर से पैमाइश के लिए आवेदन किया गया था. शुक्रवार की तिथि पैमाइश के लिए निर्धारित हुई थी. हालांकि स्थगन आदेश की जानकारी मिलने पर लेखपाल ने पैमाइश से मना कर दिया था. दोनों पक्ष लौटे और घर पर किसी बात को लेकर उनका विवाद हो गया. ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपियों को लगता था कि पीड़ित परिवार उनके विपक्षियों की मदद करता है. जिलाधिकारी का कहना है कि आरोपी का शस्त्र लाइसेंस कैसे बना, इसकी जांच की जाएगी.

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