नैनीताल दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं. जिला न्यायालय मुकेश बोरा की अग्रिम जमानत याचिका को निस्तारित कर दिया है. दुष्कर्म का आरोप लगने के बाद मुकेश बोरा ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने कहा कि पॉक्सो अधिनियम में अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं है. इस आधार पर कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया.
नैनीताल दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा पर एक महिला ने यौन शोषण करने का आरोप लगाने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज लिया था. जिसके बाद पीड़िता ने आरोप लगाया है कि मुकेश बोरा ने ना सिर्फ उसका यौन शोषण किया, बल्कि उसकी नाबालिग बेटी से भी छेड़छाड़ करता था. पुलिस ने नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप के बाद पॉक्सो एक्ट की धारा को जोड़ा है. दुष्कर्म और पॉक्सो के आरोपी नैनीताल दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा की अग्रिम जमानत याचिका पर जिला एवं सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई. जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबीर कुमार की अदालत ने कहा कि पॉक्सो अधिनियम में अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं है.
इस आधार पर कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया. कोर्ट ने कहा कि मामले में धारा 376 (2) (एन) और 3 (डी) / 10 के तहत मुकदमा दर्ज है. पॉक्सो अधिनियम में अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं है. मामले में जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील शर्मा ने सरकार एवं पीड़िता का पक्ष रखा. अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ( एडीजीसी) ने बताया कि आरोपी मुकेश बोरा के विरुद्ध धारा 376 (2) (एन), 506 भारतीय दंड संहिता का मुकदमा पहले दर्ज हुआ.