सिर्फ पांच साल की उम्र में नगर की बेटी नंदा देवी ने पांच पर्वतारोहण कर कीर्तिमान स्थापित किया है। इसी साल अप्रैल में नंदा देवी ने 13000 फीट की चंद्रशिला चोटी फतह की है। नंदा को पर्वतारोहण की प्रेरणा पर्वतारोही पिता अनित और पर्वतारोही मां टुसि से मिली है।
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सिर्फ पांच साल की उम्र में नगर की बेटी नंदा देवी ने पांच पर्वतारोहण कर कीर्तिमान स्थापित किया है। इसी साल अप्रैल में नंदा देवी ने 13000 फीट की चंद्रशिला चोटी फतह की है। नंदा को पर्वतारोहण की प्रेरणा पर्वतारोही पिता अनित और पर्वतारोही मां टुसि से मिली है।
नैनीताल के मल्लीताल बाजार निवासी और इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन (आईएमएफ) की सदस्य मां टुसि का दावा है कि पांच वर्ष की उम्र में पांच पर्वतारोहण और चार वर्ष की उम्र में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंची नंदा देश की पहली बाल पर्वतारोही है। अब तक आईएमएफ समेत गूगल में यह मुकाम किसी के नाम दर्ज नहीं है।
टुसि ने बताया कि 2019 में 10500 फुट पर स्थित डोरिटल से पर्वतारोहण के दौरान नंदा देवी पहली बार उनके साथ थी। तब वह मात्र डेढ़ वर्ष की थी। इसके बाद 2021 में वह उनके साथ यमुनोत्री पहुंची। 2021 में ही उसने उनके साथ 12500 फीट पर स्थिति केदार कंठ ट्रेक किया, 2022 में नंदा देवी ने उनके साथ 12500 फीट के त्रिउंड और इंद्रधारा बेस कैंप (धर्मशाला) किया। सात अप्रैल 2023 में 12000 फीट पर स्थित तुंगनाथ और 13000 फीट पर स्थित चंद्रशिला शिखर फतह किया। छह नवंबर 2017 को जन्मी नंदा ऑल सेंट्स कॉलेज में पहली कक्षा में अध्ययनरत है।
आठ माह की उम्र में पहुंची थी गंगोत्री
– टुसि ने बताया कि पहली बार नंदा ने उनके साथ गंगोत्री का दौरा किया तब वह आठ महीने की थी। इसके बाद 2019 में लेह और लद्दाख भी देखा।
आसानी से करती हैं साहसिक गतिविधि
– पर्वतारोही नंदा ने बताया कि वह अपने माता पिता के सपनों को पूरा कर पर्वतारोहण में विश्व में शीर्ष पर पहुंचना चाहती हैं। माता व पिता से पर्वतारोहण की बारीकियां सीख रहीं हैं। टुसि ने बताया कि नंदा को पर्वतारोहण का गुर विरासत में मिला। इसलिए वह रोप क्रास, वर्मा ब्रिज, लैडर स्विन आदि साहसिक गतिविधि आसानी से कर लेती हैं।
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