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सांप के काटने से लोगों की हो रही मौत के मामले लगातार बढ़ रहे हैं इसको देखते हुए अब उत्तराखंड वन विभाग ने प्लान तैयार किया है. प्लान के तहत अब सांप काटने पर वन विभाग तुरंत उनको स्नैक एंटी वेनम इंजेक्शन उपलब्ध करा है जिससे कि सांप काटने वाले व्यक्ति को इंजेक्शन लगाकर सांप के जहर को कम किया जा सकेगा.

बताया जा रहा है कि समय पर स्नैक एंटी वेनम नहीं मिलने के कारण अधिकतर मामलों में लोगों को जान गंवानी पड़ती है. ऐसे में सांप काटने की सूचना पर अब वन विभाग की टीम सांप काटने वाले व्यक्ति के घर तक तुरंत स्नेक एंटी वेनम इंजेक्शन को पहुंचाएगी.

इसके लिए वन विभाग की ओर से ही एंटीवेनम भी दिया जाएगा. वन डिवीजन की सभी रेंज व महत्वपूर्ण चौकियों में एंटीवेनम उपलब्ध रहेगा जो जरूरत पड़ने पर पीड़ित को दिया जाएगा ताकि उसकी जान बचाई जा सके.

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वन विभाग ने इसके लिए बाकायदा टोल फ्री नंबर भी जारी किया है जिसके तहत लोग सांप काटने के साथ-साथ अन्य घटनाओं पर टोल फ्री नंबर के माध्यम से संपर्क कर मदद ले सकते हैं.

डीएफओ तराई पूर्वी वन प्रभाग हिमांशु बागड़ी ने बताया कि सांप की काटने की घटनाएं लगातार सामने आ रही है जिसमें देखा गया है कि एंटी वेनम इंजेक्शन क्या भाव में कई बार लोग अपनी जान गवा देते हैं.

वन विभाग अब सांप के काटने पर लोगों का तुरंत इलाज कराएगा. विभाग की ओर से रेंजर्स कार्यालय और वन चौकियों में स्नेक एंटी वेनम इंजेक्शन रखी जाएंगी. सांप के काटने पर वनकर्मी तुरंत व्यक्ति को इंजेक्शन लगाएंगे.इसके लिए वनकर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इसके अलावा वन विभाग से इंजेक्शन ले जाकर स्थानीय डॉक्टर के माध्यम से भी एंटी वेनम इंजेक्शन को लगा सकते हैं जिससे कि सांप के जहर को तुरंत कम किया जा सके.

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उन्होंने बताया कि कई बार देखा गया है कि सांप काटने वाले पीड़ित व्यक्ति को समय से इलाज नहीं मिल पाता है और कई बार देखा गया है कि अस्पताल में भी एंटी वेनम इंजेक्शन नहीं होने के चलते लोगों की जान चली जाती है जिसको देखते हुए अब वन विभाग ने इस कार्य योजना की शुरुआत की है. शुरुआती चरण में तीन हजार इंजेक्शन मंगाए गए हैं जो अलग-अलग रेंज और और वन विभाग के चौकियो में उपलब्ध कराए गए हैं.

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तराई के जंगलों में अत्यधिक जहरीले सांपों का डेरा है यहां सांपों की 40 से अधिक प्रजातियां मिलती हैं इनमें किंग कोबरा, कोबरा, करैत, रसेल वाइपर, रेड कुकरी, अजगर जैसे खतरनाक सांप शामिल हैं इनमें रसेल वाइपर तो इतना खतरनाक है कि इसके डसते ही कुछ ही देर में प्रभावित की हालत बिगड़ जाती है. उन्होंने बताया कि सांपों के पकड़ने के लिए वन विभाग की रेस्क्यू टीम भी तैनात की गई है जो सूचना पर उसे सांपों को पकड़ कर सुरक्षित जगह पर छोड़ने का काम भी करती है इसके लिए बाकायदा टोल फ्री नंबर जारी किया गया है जिसके तहत सांप काटने या रेस्क्यू करने या मानव संघर्ष की घटना पर टोल फ्री नंबर 1800 180 4075 पर सूचित कर सकते हैं.