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रामनवमी पर देश के कई शहरों से हिंसा की खबरें आई. बंगाल के हावड़ा शहर में आगजनी हुई. वहीं गुजरात के वडोदरा में तो दो बार पत्थरबाजी हो गई. इसके अलावा रामनवमी जुलूस को लेकर लखनऊ की एक यूनिवर्सिटी में भी छात्र भिड़ गए.

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भगवान राम जिनका व्यक्तित्व राष्ट्र निर्माण, समाज निर्माण, व्यक्ति निर्माण का आधार है, उन्हीं राम के जन्म के उत्सव वाली रामनवमी पर एक बार फिर देश के कई शहरों में तनाव हुआ है. गुरुवार दोपहर को गुजरात के वडोदरा से दो बार पथराव की खबरें आईं. इसके बाद शाम को बंगाल के हावड़ा और फिर इस्लामपुर में हिंसा और आगजनी हो गई. इतना ही नहीं लखनऊ की एक यूनिवर्सिटी में भी छात्रों के गुट भिड़ गए. वहीं रामनवमी से ठीक पहले महाराष्ट्र के दो जिलों संभाजी नगर और जलगांव में तनाव और हिंसा हुई थी.

सबसे पहले बात करते हैं बंगाल की. यहां पहली हिंसा हावड़ा के शिबपुर में हुई. यहां दो समुदायों में झड़प के बाद हिंसा हुई. इसमें पत्थरबाजी भी हुई. इसके बाद वहां कई वाहनों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया. बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और आंसू गैस की मदद से लोगों को वहां से हटाया. कुछ लोगों को वहां गिरफ्तार भी किया गया है.

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इस बीच शिबपुर का एक वीडियो भी सामने आया है. इसमें कुछ लोग छत से पत्थर फेंकते दिख रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ शोभायात्रा में शामिल लोग सड़क पर हैं. पत्थरबाजी के बाद वहां काफी हंगामा हो रहा है.

इस्लामपुर में एक शख्स की मौत, कई पुलिसवाले जख्मी

हिंसा का दूसरा मामला डालखोला (उत्तर दिनाजपुर जिले) में सामने आया. यह इलाका इस्लामपुर शहर में आता है, जो कि मुस्लिम बहुल है. यहां एक शख्स की मौत हो गई है, वहीं पुलिस अधीक्षक समेत कई जख्मी हो गए हैं. बताया गया कि यहां रामनवमी जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई. बाद में पुलिस ने स्थिति को कंट्रोल कर लिया लेकिन तबतक एक युवक की मौत हो चुकी थी. वहीं 5 से 6 पुलिसवाले जख्मी हो गए थे. बाद में पुलिस ने बताया कि युवक की मौत हिंसा के दौरान हार्ट अटैक से हुई.

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CM ममता बोलीं- पहले ही चेतावनी दी थी

हावड़ा की हिंसा पर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का बयान भी आया. उन्होंने हिंसा के लिए जुलूस निकाल रहे हिंदू पक्ष को ही जिम्मेदार बताया. वह बोलीं कि पहले ही चेताया गया था कि मुस्लिम बहुल इलाके में जुलूस ना निकाला जाए. ममता ने यह भी आरोप लगाया कि जुलूस का रूट बदला गया था. ममता ने यह भी कहा कि बीजेपी मुस्लिम इलाकों को टारगेट कर रही है जिसमें हावड़ा और इस्लामपुर भी शामिल हैं.

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वडोदरा में दो बार पत्थरबाजी

बंगाल से पहले दोपहर में गुजरात के वडोदरा में हिंसा हुई. यहां फतेहपुरा में एक नहीं दो बार पथराव हुआ. यहां दोपहर रामनवमी की शोभायात्रा निकालने के दौरान पथराव होता है. पुलिस आती है फिर थोड़ी देर बाद वहां फिर पथराव हो जाता है. इस दौरान के कुछ वीडियोज भी सामने आए जिसमें बच्चे, महिलाएं सब भागते दिखे. दावा है कि पत्थरबाजी तब हुई, जब राम जन्मोत्सव पर शोभायात्रा एक मस्जिद के पास पहुंची. कहा जा रहा है कि पत्थर दूसरी तरफ से चले.

वडोदरा हिंसा पर राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि पत्थरबाजी करने वालों की पहचान सीसीटीवी के जरिए की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि राम नवमी की यात्रा में जिन लोगों ने भी पत्थर मारे हैं वो कभी भी पत्थर की तरफ देखेंगे भी नहीं ऐसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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वडोदरा सिटी के सीपी शमशेर सिंह ने बताया कि रामनवमी के जुलूस के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव करने की कोशिश. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर मामले को संभाला. सभी जुलूस शांतिपूर्वक संपन्न हुए. इलाकों में पेट्रोलिंग की जा रही है. अबतक हमने 20 लोगों को हिरासत में लिया है, पुलिस इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.

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पुलिस की भूमिका पर क्यों उठ रहे सवाल?

मामला बंगाल का हो या फिर गुजरात का. दोनों जगह पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, ऐसे धार्मिक उत्सवों के दौरान माहौल संभालने के लिए नागरिक कमेटियों से पुलिस को बात करनी होती है. तय रूट के अलावा जुलूस कहीं और नहीं ले जाया जा सकता. ये सुनिश्चित किया जाता है कि अगर धार्मिक जुलूस के रूट पर कोई दूसरा धार्मिक स्थल आता हो तो वहां ज्यादा देर तक ना रुका जाए. वहां अतिरिक्त सुरक्षा बल लगाया जाता है. लेकिन ऐसा वडोदरा के मामले में नहीं दिख रहा.

गुजरात में वडोदरा का ये फतेहपुरा इलाका संवेदनशील माना जाता है. तो क्या पुलिस ने पहले से इस इलाके का इतिहास देखते हुए कोई तैयारी नहीं की थी?

बंगाल वाली हिंसा के मामले पर तो सीएम ममता ने खुद कहा कि यात्रा का रूट कैसे बदला गया इसे देखा जाएगा और अगर पुलिसवाले इसमें शामिल पाए गए तो सख्त एक्शन होगा.

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लखनऊ में भिड़े छात्रों के गुट

रामनवमी पर हिंसा की खबर लखनऊ से भी आई. वहां भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी (BBAU) में छात्रों के गुट के बीच झड़प हुई. यहां एबीवीपी के छात्रों ने राम नवमी पर जुलूस निकाला था. दूसरे गुट ने इसका विरोध किया, जिसपर झड़प हो गई. बाद में दोनों गुटों ने वीसी से कार्रवाई की मांग की. हालांकि, यह मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा है और यूनिवर्सिटी इसे अपने स्तर पर सुलझा रही है.

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संभाजीनगर में हुई जबरदस्त हिंसा

रामनवमी से पहले महाराष्ट्र के संभाजीनगर में जबरदस्त हिंसा हुई थी. वहां दो युवकों के बीच झगड़ा हुआ था. जिसके बाद बमबाजी, आगजनी और पथराव से संभाजीनगर दहल गया था. जानकारी मिली थी कि संभाजीनगर के किराडपुरा में स्थित राम मंदिर के बाहर रात 12:30 बजे दो नौजवानों के बीच छोटी सी अनबन हुई. इसके बाद कुछ लोग बड़ी तादाद में इकट्ठा हो गए. इसके बाद पथराव शुरू हो गया. उपद्रवियों ने कई वाहनों में आग लगा दी. बदमाशों ने पुलिस के वाहनों को भी आग लगा दिया. इसके अलावा बमबाजी की घटना भी सामने आई.

संभाजी नगर जिसका कुछ दिनों पहले तक नाम औरंगाबाद था जहां नाम बदलने के बाद से कई बार दो पक्ष आमने-सामने आए थे. तो क्या नाम बदलने के विरोध में रामनवमी से कुछ घंटे पहले तनाव फैलाने की साजिश हुई यह सवाल भी उठ रहा है.

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इसके अलावा महाराष्ट्र के ही जलगांव में मस्जिद के बाहर गाना बजाने को लेकर दो गुट भिड़ गए थे. इसमें चार लोग घायल हो गए थे.

बता दें कि हिंसा के खतरे को देखते हुए रामनवमी पर झांकी के दौरान बिहार में डीजे पर रोक लगाने का आदेश पहले ही आ चुका था. वहीं दिल्ली में भारी सुरक्षा के बीच जहांगीरपुरी में शोभा यात्रा निकाली गई थी.

क्यों मनाई जाती है रामनवमी?

चैत्र नवरात्रि का समापन राम नवमी के साथ होता है. माना जाता है कि भगवान राम का धरती पर जन्म इसी दिन हुआ था. भगवान राम के जन्म की इस तारीख का जिक्र रामायण और रामचरित मानस जैसे तमाम धर्मग्रंथों में किया गया है.

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