अल्मोड़ा के बाद अब नैनीताल जनपद की लालकुआं कोतवाली में भी एक भाजपा नेता पर दुष्कर्म का आरोप लगने के बाद पुलिस ने अभियोग दर्ज कर लिया है।
भाजपा नेता और नैनीताल दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा पर एक महिला ने दुष्कर्म और शारीरिक शोषण का गंभीर आरोप लगाया है। इधर समाचार लिखे जाते समय मुकेश बोरा ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया है।
घटना का विवरण
बिंदुखत्ता की रहने वाली एक महिला ने लालकुंआ कोतवाली में तहरीर सौंप नैनीताल दुग्ध संघ से जुड़े एक पदाधिकारी पर नौकरी देने के नाम पर उसके साथ एक नहीं कई बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। यही नहीं महिला ने यह भी आरोप लगाया है कि उस पर अपने दोस्तों के साथ संबंध बनाने को भी दबाव बनाया गया और मुंह खोलने पर जान से मारने और नौकरी से निकालने की धमकी भी दी गई लेकिन लोक लाज की वजह से वह चुप रही।
महिला का कहना है कि उसके दो बच्चे हैं जिनकी उम्र 12एवं5 वर्ष हैं, पति की मृत्यु होने के बाद वर्ष 2020 से उसके सामने जब आर्थिक संकट उत्पन्न होने लगा तो उसने कई जगह नौकरी के प्रयास किए, वहीं वर्ष 2021 में वह नैनीताल दुग्ध संघ के एक पदाधिकारी से भी नौकरी मांगने उनके कार्यालय गई जहां कामगार के पद पर आउटसोर्स के माध्यम से दैनिक आधार पर रखा गया।
कुछ समय बाद परमानेंट नौकरी दिलवाने की बात कही और उसका फोन नंबर भी ले लिया वहीं 10 नवंबर 2021 को उसे फोन कर किसी से मिलवाने की बात कहकर काठगोदाम नरीमन चौराहा स्थित एक होटल में मिलने के लिए बुलाया लेकिन जब वह होटल पहुंची तो कमरे में उनके सिवा और कोई नहीं था और इस दौरान उसके साथ जोर-जबरदस्ती की और शारीरिक संबंध बनाए गए। साथ ही धमकी दी कि अगर मुंह खोला तो मैं तुमको डेली वेजेज से हटवा दूंगा।
वहीं लोकलाज के डर के चलते चुप्पी साध ली मगर इसके बाद भी पदाधिकारी द्वारा एक दिन फिर अपने कार्यालय में बुलाया गया और गलत हरकत की गई, उसकी अश्लील फोटो और वीडियो का भय दिखाकर नौकरी से निकाले जाने की धमकी दी गई।
इस घटनाक्रम के बाद पदाधिकारी द्वारा 26 वर्ष 2021 को दोबारा नरीमन चौराहा काठगोदाम स्थित उसी होटल में बुलाया गया जहां पहले बुलाया गया था। और एक बार फिर उसके साथ बलात्कार किया गया इसी तरह कई बार दुष्कर्म करते रहे और हद तो तब हो गई जब कुछ समय बाद पदाधिकारी द्वारा दोस्तों के साथ भी शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला गया। इसके बाद पदाधिकारी के वाहन चालक द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई और व्हाट्सएप पर भी धमकी भरे संदेश भेजे गए।
प्रशासक पद से हटाया
उधर निबंधक दुग्ध सहकारी समितियां उत्तराखंड ने मुकेश बोरा पर लगे आरोपों के बाद नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड लालकुआं के अध्यक्ष के बतौर उत्तराखंड सहकारी डेरी फेडरेशन लिमिटेड हल्द्वानी के प्रशासक पद से हटा दिया है और उनकी जगह डेरी विकास उत्तराखंड हल्द्वानी नैनीताल को नया प्रशासक नियुक्त कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिंदुखत्ता के कार रोड निवासी एवं नैनीताल दुग्ध संघ में वर्ष 2021 से दैनिक वेतनभोगी के रूप में कार्यरत 25 वर्षीय विधवा महिला ने पुलिस कप्तान को शिकायत पत्र देकर आरोप लगाया है कि भाजपा नेता ने उसे नियमित करने के नाम पर 10 नवंबर 2021 को फोन कर काठगोदाम के नारीमन चौराहे स्थित एक होटल में बुलाया और वहां उससे जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाये। वह रोने लगी तो उसे दैनिक वेतन भोगी के पद से भी हटाने की धमकी दी। महिला का कहना है कि अपने 2 बच्चों और लोकलाज के कारण डरकर चुप रही।
आरोप लगाया कि इसके कुछ दिन बाद पुनः आरोपित ने उसे अपने कार्यालय में बुलाया और गलत जगह पर छुवा और विरोध करने पर पूर्व की अश्लील फोटो और वीडियो वायरल करने व नौकरी से निकालने की धमकी दी। इसके बाद पुनः 26 दिसंबर 2021 को पुनः उसे उसी होटल में बुलाकर बिना अनुमति के शारीरिक संबंध बनाकर बलात्कार किया। साथ ही अपने चालक से भी धमकी दिलवाई। लिहाजा महिला ने आरोपित नेता से स्वयं की जान को खतरा बताते हुए एसएसपी से न्याय की गुहार लगाई थी।
इस मामले को लेकर शनिवार को पीड़िता एक महिला अधिवक्ता के साथ लालकुआं कोतवाली पहुंची थी और वहां महिला उप निरीक्षक ने पीड़िता की तहरीर के आधार पर उसके कलमबद्ध बयान दर्ज किए। इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी ने भी आंदोलन किया और बताया जा रहा है कि कई अन्य राजनीतिक लोग भी इस मुद्दे पर मुखर हैं।
लालकुआं की पुलिस क्षेत्राधिकारी संगीता ने बताया कि महिला की तहरीर के आधार पर रविवार को मुकेश बोरा व उनके चालक के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 376(02)(द) और 506 के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है। आगे जांच के दौरान सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मुकेश बोरा का पक्ष
नैनीताल। इस मामले में नैनीताल दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा ने बातचीत करते हुए आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है। कहा है कि लालकुआं, बिंदूखत्ता, हल्दूचौड़ व गौलापार के कुछ नेता जो दुग्ध संघ के चुनाव में उनके विरुद्ध थे, और नैनीताल दुग्ध संघ की छवि को खराब करने में पहले से संलग्न हैं, उन्हें नैनीताल दुग्ध संघ की उन्नति नहीं पच रही है।
वह ऐसे लोगों के विरुद्ध कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे और जरूरत पड़ी तो दुग्ध उत्पादकों को साथ लेकर राजनीतिक लड़ाई भी लड़ेंगे। कहा कि यदि वह गलत हैं तो उन्हें फांसी दे दी जाये, उन्हें कोई गुरेज नहीं होगा। सवाल उठ रहा है कि 3 वर्ष पुराने मामले इतने वर्षों के बाद क्यों उठ रहे हैं।