एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और पुलिस की संयुक्त टीम ने यहां नेहरू कॉलोनी क्षेत्र स्थित एक होटल में चल रहे देह व्यापार के धंधे का भंडाफोड़ कर होटल मालिक को गिरफ्तार किया है
कमर के नीचे का हिस्सा, खोपड़ी और हाथ मिला पॉलिथीन में, दिल्ली में हत्या की एक और सनसनीखेज वारदात
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और पुलिस की संयुक्त टीम ने यहां नेहरू कॉलोनी क्षेत्र स्थित एक होटल में चल रहे देह व्यापार के धंधे का भंडाफोड़ कर होटल मालिक को गिरफ्तार किया है वहीं मौके से एक पीड़ित महिला को रेस्क्यू किया गया।
पुलिस टीम ने मौके से आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की है वहीं होटल को भी सील कर दिया है। एएचटीयू के इंचार्ज एसआइ मनमोहन सिंह नेगी ने बताया कि उन्हें एक लीड मिली थी कि कुछ होटलों में देह व्यापार का धंधा चल रहा है।
सूचना के आधार पर पुलिस की टीम ने हरिद्वार बायपास फ्लाईओवर के नीचे होटल लीला में दबिश दी, जहां होटल का संचालक भरत सिंह निवासी विष्णु विहार निकट रेलवे क्रॉसिंग को एक महिला के साथ संदिग्ध हालत में पकड़ा गया।
ग्राहक कम आने के चलते उठाया यह कदम-
संचालक आरोपित भरत सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसने होटल लीज पर लिया हुआ है।फ्लाईओवर के नीचे होटल होने के कारण ग्राहक कम आते हैं, इसलिए उसने होटल के कमरे देह व्यापार के लिए देने शुरू कर दिए।
पुलिस के मुताबिक पूछताछ में महिला ने बताया कि वह तलाकशुदा है और उस पर चार बच्चों की जिम्मेदारी होने व आर्थिक तंगी के कारण मजबूरी में जब होटल संचालक द्वारा उसे सेक्स सर्विस देने के बदले अच्छे पैसे देने की बात कही तो मजबूरी में उसके द्वारा हामी भर दी और काफी समय से होटल संचालक के बुलाने पर होटल में आए ग्राहकों को यह सर्विस दे रही थी, मौके से पीड़ित महिला को रेस्क्यू किया गया तथा अनैतिक देह व्यापार के जुर्म में होटल संचालक को गिरफ्तार किया गया तथा उक्त होटल को सील किया गया।
पूछताछ से प्राप्त जानकारी
पूछताछ में पुलिस को जानकारी प्राप्त हुई की होटल लीला के संचालक भरत सिंह द्वारा उक्त होटल लीज पर लिया गया था तथा फ्लाईओवर के नीचे होने के कारण ग्राहको की कमी रहती थी, इस कारण उसने होटल के कमरे अनैतिक देह व्यापार के लिए देने शुरू कर दिए। होटल में ग्राहक आने व उनके द्वारा सेक्स सर्विस की डिमांड करने पर संचालक द्वारा संपर्क में आई महिलाओं को बुलाकर ग्राहकों को सर्विस दी जाती थी, व ग्राहकों से पैसा लेकर उसका कुछ हिस्सा सर्विस देने वाली महिला को दिया जाता था।