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मोहल्ला जुलाहान वार्ड नंबर सात निवासी इस्लामुद्दीन पुत्र असगर अली पर नगर के मोहल्ला नई बस्ती वार्ड नंबर 3 निकट अबुबकर मस्जिद निवासी एक महिला द्वारा जसपुर कोतवाली में दी गई तरहरीर में 24 जून को अपने घर में घुसकर मारपीट घायल करने व अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया गया था।

पुलिस ने महिला की तहसील के आधार पर धारा 324, 354, 376, 452, 504 व 506 के तहत मुकदमा कायम कर इस्लामुद्दीन का चालान कर दिया था। जिसकी 14 अगस्त को हल्द्वानी जेल में संदिग्ध परिस्थिति में अचानक मौत हो गई ।

जेल प्रशासन द्वारा मृतक के शव का पोस्टमार्टम करा उसके परिजनों को सौंप दिया। 15 अगस्त को उसका शव जसपुर पहुंचा। मृतक की उम्र करीब 32 वर्ष बताई गई है ।

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मृतक इस्लामुद्दीन के पिता असगर ने बताया कि जेल प्रशासन द्वारा उन्हें उनके पुत्र की मौत की सूचना नहीं दी गई। उसकी मौत की सूचना हल्द्वानी जेल में किसी और मामले में बंद जसपुर के एक अन्य युवक के माध्यम से मिली। उसने इस्लामुद्दीन की मौत के बारे में अपने परिजनों को फोन से बताया था और उन्होंने उन्हें बताया। उसके बाद जसपुर पुलिस ने रात को उन्हें इस्लामुद्दीन की मौत की सूचना दी ।

इस्लामुद्दीन की मौत की सूचना मिलने पर उसके पिता असगर अली अन्य परिजन व मोहल्ले वासी घटना की तहकीकात करने हल्द्वानी पहुंचे। मृतक के पिता ने बताया कि जेल प्रशासन उनके पुत्र की मौत को लेकर उन्हें गुमराह कर रहा है । उन्होंने बताया कि जेल प्रशासन कह रहा है कि अचानक उसकी तबीयत खराब होने पर उसे उपचार हेतु अस्पताल ले जाया जा रहा था, तभी उसने दम तोड़ दिया।

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जबकि उनका कहना है कि जेल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों से उसे उपचार हेतु कहीं ले जाए जाने की पुष्टि नहीं हो पा रही है। मृतक के पिता ने बताया कि जेल में बंद जसपुर के अन्य युवक ने बताया कि 14 अगस्त को इस्लामुद्दीन के सीने में अचानक दर्द हुआ था। उक्त युवक ने उसके सीने की मालिश की थी। उसी के दौरान जेल में ही उसकी मौत हो गई थी । परिजनों ने बताया कि इसी से अंदाज लगाया जा रहा है कि उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई। उन्होंने कहा कि यदि इस्लामुद्दीन को समय से उपचार मिल गया होता तो वह मौत के मुंह में जाने से बच सकता था ।

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मृतक इस्लामुद्दीन के पिता ने बताया कि वे और मृतक की पत्नी आशमा खातून 30 जुलाई को अंतिम बार उससे मिलाई करके आए थे और उसकी इच्छा के अनुसार वे उसके खर्च के लिए वहां 2 हजार रुपए जमा करके आए थे । उसने उनसे अपने मन की कोई और बात नहीं बताई थी ।

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