खबर शेयर करें -

हल्द्वानी,  भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित और नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ का अध्यक्ष मुकेश बोरा दूसरी बार पुलिस की आंख में धूल झोंककर फरार है। कड़ी निगरानी के बावजूद वह भाग निकाला और जांच में सामने आया कि परिवहन विभाग का एक अधिकारी मुकेश बोरा के लिए मुखबिरी कर रहा था। इसी की मुखबिरी के जरिये मुकेश उत्तराखंड की सीमा लांघकर उत्तर प्रदेश पहुंच गया

मुकेश के मददगारों में सबसे बड़ा नाम ऊधमसिंहनगर में तैनात परिवहन विभाग के अधिकारी का आ रहा है। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि परिवहन अ​धिकारी ने न सिर्फ मुकेश बोरा की मदद की बल्कि वह उसे पुलिस की पल-पल की जानकारी दे रहा था। उक्त अधिकारी के मोबाइल को कब्जे में ले लिया गया। उसके मोबाइल की जांच की जा रही है। माना जा रहा है कि इसी अधिकारी की मदद से मुकेश उत्तराखंड की सीमा पार करने कामयाब हुआ। अब पुलिस यह पता लगा रही है कि मुकेश बोरा कहां छिपा हो सकता है।

इसके अलावा मुकेश बोरा को भागने में मदद करने वाले, पुलिस की हर गतिविधि की जानकारी देने वालों का भी पुलिस पता लगा रही है। एसएसपी ने साफ किया है कि मुकेश का हर मददगार उनकी नजर में है और सभी मददगारों पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को अंदेशा है कि मुकेश बोरा व्हाट्सएप कॉल के जरिये अपने मददगारों के संपर्क में है। ऐसे में मुकेश बोरा से जुड़े कई लोगों की पुलिस कॉल डिटेल के साथ इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल्स रिकॉर्ड भी खंगाल रही है। मुकेश बोरा की आखिरी लोकेशन पुलिस को बरेली में मिली है और माना जा रहा है कि वह नेपाल भाग सकता है।

बोरा की गिरफ्तारी के लिए सात टीमें नई सिरे से गठित
मुकेश बोरा के खिलाफ लालकुआं कोतवाली में मुकदमा दर्ज है। ऐसे में मुकेश बोरा की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी लालकुआं पुलिस पर थी। उसकी गिरफ्तारी कर पाने में नाकाम रहने पर लालकुआं कोतवाल को लाइन हाजिर कर दिया गया। एसएसपी ने बताया कि अभी तक मुकेश बोरी की गिरफ्तारी के प्रयास में लगीं सभी सात टीमों को भंग कर दिया गया। सभी सात टीमें नए सिरे से गठित की गईं हैं और जल्द ही बोरा की गिरफ्तारी कर ली जाएगी