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राज्य में चल रहे धामी सरकार के अतिक्रमण मुक्त अभियान में अभी तक एक हजार हेक्टेयर वन भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त करवा लिया गया है, हालांकि अभी भी नौ हजार हेक्टेयर वन भूमि पर कब्जा है,

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राज्य में चल रहे धामी सरकार के अतिक्रमण मुक्त अभियान में अभी तक एक हजार हेक्टेयर वन भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त करवा लिया गया है, हालांकि अभी भी नौ हजार हेक्टेयर वन भूमि पर कब्जा है, जिसे लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बराबर ये कहते रहे हैं, कि हम एक एक इंच सरकारी जमीन को खाली करवाएंगे।

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हाल ही में सीएम धामी के निर्देश पर नैनीताल की शत्रु संपत्ति, बारापथर के जंगल से घोड़ा बस्ती को भी कब्जा मुक्त करवा लिया गया है। इससे पहले धामी सरकार का बुल्डोजर, पछुवा देहरादून में ढकरानी इलाके में चला था। जहां यूजेवीएनएल की जमीन को 500 से ज्यादा पक्के मकान तोड़ कर कब्जा मुक्त करवाया गया था।

उत्तराखंड सरकार ऋषिकेश में आईडीपीएल की जमीन कब्जा मुक्त करवा रही थी, कि यहां हाई कोर्ट में स्टे हो गया। अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. पराग मधुकर धकाते बताते हैं, कि सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अभियान जारी है, अभी तक एक हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि अतिक्रमण मुक्त हो चुकी है। यहां से 463 अवैध मजारें और 45 अन्य धार्मिक स्थल भी हटाए गए हैं।

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धकाते ने बताया कि इन दिनों वृक्षारोपण अभियान चल रहा है। पौधारोपण लक्ष्य पूरा होते ही ये अभियान फिर तेजी पकड़ेगा। धकाते ने बताया कि हल्द्वानी गौलापार बागजला क्षेत्र में भी अतिक्रमण चिन्हित किया गया है। उसके अलावा आमपोखरा वन रेंज में भी अतिक्रमण चिन्हित किया गया है। उन्होंने कहा कि नदी क्षेत्र में भी अतिक्रमण है, बेहतर यही है कि अवैध रूप से बसे लोग खुद खाली कर दें अन्यथा नुकसान उन्हीं का हो जाना है।

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उन्होंने बताया कि वन विभाग के अलावा अन्य विभाग भी सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटा रहे हैं जिनमें पीडब्ल्यूडी शहरी विकास और राजस्व विभाग शामिल है।

धकाते ने कहा कि उत्तराखंड कैबिनेट ने अतिक्रमण रोकने के लिए एक अधिनियम अध्यादेश लाने को मंजूरी दे दी है। उम्मीद है, अगले विधानसभा सत्र में इसे मंजूरी मिल जाएगी, इसमें अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सीधे आईपीसी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया जाएगा और इसमें दस साल तक की सजा का प्रावधान किया जाना प्रस्तावित है।

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