हल्द्वानी। घर से हंसी-खुशी सहेलियों के साथ फन सिटी गई अंजलि कफन ओढ़कर लौटी तो परिवार में कोहराम मच गया। बेटी की मौत से अंजान मां के सामने जैसे ही एंबुलेंस के दरवाजा खुला तो आवाक रह गई। पता लगा कफन में उसकी बेटी का शव है तो वह सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी। अंजलि के चेहरे से कफन हटते ही मां बेहोश हो गई। इधर मातम था और उधर बेटी की मौत में बेसुध मां की जान बचाने लोग अस्पताल की ओर दौड़ पड़े। अंजलि की मां की हालत स्थिर और इस मामले में परिजनों ने केवीएम स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
फौज में नायब सूबेदार राजेंद्र सिंह रावत नैनी व्यू कालोनी जय सिंह भगवानपुर मुखानी में पत्नी सरिता, जजफार्म स्थित केवीएम स्कूल में 12वीं में पढ़ने वाली बेटी अंजलि और इसी स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले 7 वर्षीय बेटी हिमांशु के साथ रहते हैं। राजेंद्र की पोस्टिंग शाहजहांपुर में है। गुरुवार को अंजलि स्कूल के करीब 250 बच्चों के साथ चार बसों से बरेली स्थित फन सिटी गई थी। बच्चों के साथ स्कूल के शिक्षक भी थे। फन सिटी में संदिग्ध परिस्थितियों में अंजलि की मौत हो गई। साथ गए स्कूल के लोग उसे दो निजी अस्पताल ले गए, जहां से मृत घोषित कर दिया गया।
बताया जाता है कि अंजलि की मां सरिता को मौत की खबर नहीं दी गई। हालांकि अन्य लोगों को स्कूल के लोगों ने जानकारी दी थी। बरेली से एंबुलेंस के जरिये अंजलि का शव घर पहुंचा तो मां अचंभित रह गई। वह समझ नहीं पाई कि उसके घर के बाहर एंबुलेंस क्यों रुकी। किसी ने एंबुलेंस में अंजलि के होने की जानकारी दी, लेकिन उन्हें भरोसा नहीं हुआ। एंबुलेंस के गेट खुला और कफन हटा तो सरिता को बेटी का चेहरा नजर आया।
निष्प्राण अंजिल को मां ने टटोला और जब हरकत नहीं हुई तो सदमे में बेहोश होकर वह जमीन पर गिर गई। उन्हें लोगों ने संभाला और आनन-फानन में एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। इधर, बेटी की मौत की खबर सुन आनन-फानन में राजेंद्र भी शाहजहांपुर से हल्द्वानी पहुंच गए। वह फूट-फूट कर रो रहे थे। राजेंद्र के साढ़ू मुन्ना मेर ने बताया कि सरिता की हालत अब स्थिर है। इधर, सूचना पाकर मुखानी थानाध्यक्ष विजय मेहता मृतका के घर पहुंचे।
जितने लोग उतनी बातें, मोबाइल व सामान कहां गया
राजेंद्र के साढ़ू मुन्ना मेर ने स्कूल प्रबंधन के जो भी लोग अंजलि के साथ गए, उनमें से किसी ने भी परिजनों को सटीक जानकारी नहीं दी। जितने लोगों ने परिवार से बात, अलग-अलग जानकारी दी। इतना ही नहीं अंजलि अपने साथ अपना मोबाइल व अन्य सामान भी ले गई थी। अंजलि का शव तो घर पहुंचा, लेकिन उसका मोबाइल व सामान कहां गया पता नहीं लगा।
न पोस्टमार्टम कराया, न डेथ सर्टिफिकेट बनाया
स्कूल प्रबंधन ने परिजनों को जानकारी दी कि अंजलि बेहोश हो गई थी, जिसके बाद उसे बरेली स्थित दो बड़े निजी अस्पताल ले जाया गया। जबकि परिजनों को इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। परिजनों का कहना है कि अंजलि की हालत बिगड़ी तो उसे बरेली के दो-दो बड़े निजी चिकित्सालय ले जाया गया, लेकिन न तो वहां पोस्टमार्टम कराया गया और न ही स्कूल प्रबंधन ने बरेली से डेथ सर्टिफिकेट बनवाया।
परिजनों के मौखिक आरोप, आज होगा पोस्टमार्टम
मुखानी थानाध्यक्ष विजय मेहता का कहना है कि मामले में किसी भी तरह की लिखित तहरीर नहीं दी गई है। हालांकि लोग आपसी बातचीत में स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि यदि लिखित तहरीर मिलती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार रात शव को घर से मॉर्चरी भेज दिया गया। शुक्रवार को शव को पोस्टमार्टम कराया जाएगा।