खबर शेयर करें -

उत्तराखंड राज्य के कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास का निधन हो गया. उन्होंने बागेश्वर के जिला अस्पताल में अंतिम सांस ली. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चंदन रामदास के निधन पर दुख जताया है.

पत्नी पर लगा पति को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप, मुकदमा दर्ज 

उत्तराखंड के परिवहन मंत्री चंदन रामदास का निधन हो गया. बुधवार को बागेश्वर के जिला अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. जानकारी के मुताबिक चंदन रामदास का लंबे समय से इलाज चल रहा था. काफी समय से बागेश्वर के जिला अस्पताल में भर्ती थे. चंदन रामदास को आईसीयू में भर्ती किया गया था. इस खबर से उत्तराखंड की राजनीति में शोक की लहर है. उत्तराखंड के परिवहन मंत्री चंदन रामदास की मौत पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख जताया है.

यह भी पढ़ें -  हल्द्वानी: किच्छा के चाचा लाया नशे की खेप, धरा गया इंजेक्शन तस्कर

तबीयत बिगड़ने के बाद कराया गया था भर्ती

जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड राज्य सरकार के परिवहन मंत्री चंदन रामदास लंबे समय से बीमार चल रहे थे. तबीयत बिगड़ने के बाद आज उन्हें बागेश्वर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां अंतिम सांस ली. बागेश्वर की जिलाधिकारी ने कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास की मृत्यु की पुष्टि की है. चंदन रामदास की मौत की खबर आने से राजनीति जगत में मायूसी छा गई. पार्टी सहित तमाम राजनेता उनके आकस्मिक निधन से स्तब्ध है. सभी चंदन रामदास के शोकाकुल परिवार को सांत्वना दे रहे हैं. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शोक जताते हुए कहा ‘मंत्रिमंडल में मेरे वरिष्ठ सहयोगी श्री चंदन राम दास जी के आकस्मिक निधन के समाचार से स्तब्ध हूं. उनका निधन जनसेवा एवं राजनीति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति है. ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं परिजनों व समर्थकों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें.’

यह भी पढ़ें -  हल्द्वानी: परिवार में मारपीट, तमंचा लेकर दौड़ा युवक

 

1980 में रखा था राजनीति में कदम

आपको बता दें चंदन राम दास ने साल 1980 में राजनीति में अपना कदम रखा था. 1997 में उन्होंने नगर पालिका बागेश्वर के निर्दलीय चेयरमैन चुने गए थे. इससे पहले उन्होंने छात्र राजनीति की और एमबी डिग्री कालेज हल्द्वानी में संयुक्त सचिव बने. रामदास ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1980 से की. कहा जाता है कि रामदास पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी के कहने पर 2006 में बीजेपी में शामिल हुए. 2007, 2012, 2017 और 2022 में वह लगातार चौथी बार विधायक चुने गए.