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राजस्थान में इंडिया गठबंधन के दो सांसद पाला बदल कर एनडीए में जा सकते हैं. ये अटकलें तब शुरु हुई जब नागौर से इंडिया गठबंधन की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से नागौर से सांसद हनुमान बेनिवाल ने आरोप लगाया कि इंडिया गठबंधन में उनकी उपेक्षा हो रही है.

इंडिया गठबंधन की बैठक में नहीं बुलाया. इंडिया गठबंधन उन्हें छोटे दल का कहकर उपेक्षा कर रहा है. सूत्रों का दावा है कि बीजेपी के कुछ नेता बेनिवाल के संपर्क में है. दरअसल बेनिवाल 2019 में एनडीए से ही सासंद थे. लेकिन किसान आंदोलन के बाद एनडीए छोड़कर बाहर आ गए और राजस्थामनमें लोकसभा चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन से लड़ा.

नागौर से बेनिवाल ने बीजेपी उम्मीदार ज्योति मिर्धा का हराया था. हालांकि बेनिवाल के करीबियों का दावा है कि बेनिवाल एनडीए में अभी जाने के बजाय सही मौके का इंतजार कर सकते हैं. वैसे बेनिवाल ने कहा कि नाराजगी के बावजूद वो इंडिया गठबंधन में बने रहेंगे. बेनिवाल ने इससे पहले लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के नेताओं पर सहयोग न करने का आरोप जड़ा था. उधर बांसवाड़ा डूंगरपुर से सांसद राजकुमार रोत इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी थे. लेकिन सासंद चुने जाने के बाद रोत ने खुद को स्वतंत्र सासंद बनाया. रोत के एनडीए में जाने की खबरों को हालांकि रोत ने सोशल मिडिया एक्स पर पोस्ट पर सफाई दी औऱ खारिज किया.

सांसद राजकुमार रोत को लेकर हो रहे दावे
लेकिन लोकसभा चुनाव में गठबंधन के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी के नाम वापस नहीं लेने और चुनाव लड़ने से अब रोत चुनाव जीतने के बाद खुद को इंडिया गठबंधन के सासंद के बजाय स्वतंत्र सासंद मान रहे हैं. रोत की मांग है भील प्रदेश समेत आदािवासी क्षेत्र की कुछ मांगे है. केंद्र सरकार रोत की मांगों पर सकारात्मक रवैया अपनाती है तो रोत भी पाला बदल सकते हैं. राजकुमार रोत ने बांसवाड़ा डूंगरपुर से बीजेपी प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीय को हराया था. हालांकि बेनिवाल औऱ रोत दोनों अभी भी वेट एंड वाच की स्थिति में है.

 

हनुमान बेनिवाल और राजकुमार रोत दो नामों से मची खलबली
राजस्थान में इंडिया गठबंधन में चुनाव नतीजों के बाद दरारें नजर आने लग गई. इंडिया गठबंधन से नागौर से हनुमान बेनिवाल और बासंवाड़ा डूंगरपुर से राजकुमार रोत चुनाव जीते. बेनिवाल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक है तो राजकुमार रोत भारतीय आदिवासी पार्टी के प्रमुख. बेनिवाल कांग्रेस से खफा है. नाराजगी की वजह है इंडिया गठबंधन की बैठक में नहीं बुलाना. बेनिवाल ने कांग्रेस पर आरोप जड़ा कि राजस्थान में कांग्रेस के आठ सीटें जीतने के पीछे उनकी पार्टी का वोट बैंक है. सूत्रों का दावा है कि बेनिवाल बीजेपी नेताओं के संपर्क में है. बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र में हमारा NDA में सम्मिलित होने की झूठी अफवाह फैला कर विरोधी खुश हो रहे हैं. इन अफवाहों से बचें, बीएपी विपक्ष के साथ स्वतंत्र रहकर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के हकों की लड़ाई लड़ेगी.