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📍 अल्मोड़ा | संवाददाता रिपोर्ट

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
यहां रानीधारा क्षेत्र की एक महिला ने अपने पति और ससुर पर मारपीट, गाली-गलौज और अश्लील हरकतों के गंभीर आरोप लगाए हैं।
पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


Highlights (मुख्य बिंदु):

👩‍🦰 रानीधारा की महिला ने पति और ससुर पर लगाए गंभीर आरोप
🍺 पति शराब के नशे में घर आया और मारपीट की
🚫 ससुर पर जबरन छूने और अभद्र हरकत का आरोप
⚖️ पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया
🔴 पहले भी शिकायत के बाद पति ने मांगी थी माफी
🩹 महिला को आई गंभीर चोटें, कहा – “जान का खतरा है”

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🏠 रानीधारा क्षेत्र की घटना — पति के साथ ससुर ने भी किया दुर्व्यवहार 😔

यह मामला अल्मोड़ा नगर के रानीधारा क्षेत्र का बताया जा रहा है।
पीड़िता ने पुलिस को दी तहरीर में कहा कि
शुक्रवार को उसका पति शराब के नशे में घर आया और बिना किसी बात के उससे मारपीट करने लगा।

“मेरे पति ने मुझे बुरी तरह पीटा और गालियां दीं।
इसी दौरान ससुर ने भी उसका साथ दिया और जबरन छूने की कोशिश की।
जब मैंने विरोध किया तो दोनों ने मुझे जान से मारने की धमकी दी।” — पीड़िता का बयान।


💔 पहले भी हो चुका है उत्पीड़न — माफी के बाद भी नहीं रुका अत्याचार 🚫

महिला ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब उसके साथ ऐसा व्यवहार हुआ।
इससे पहले भी जुलाई में उसने महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी,
जिसके बाद पति ने लिखित रूप से माफी मांगी थी।

लेकिन उसके बावजूद उत्पीड़न और हिंसा जारी रही।
अब महिला ने पुलिस से जान-माल और चरित्र की सुरक्षा की गुहार लगाई है।


👮‍♂️ पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, जांच में जुटी टीम 🔍

कोतवाल योगेश चंद्र उपाध्याय ने बताया कि
पीड़िता की शिकायत के आधार पर पति और ससुर दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

“महिला को चिकित्सीय परीक्षण के लिए भेजा गया है।
मामले की जांच की जा रही है, दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।” — पुलिस अधिकारी।


🧭 संपादकीय दृष्टिकोण (Editorial View):

उत्तराखंड जैसे शांत प्रदेश में लगातार सामने आ रहे
महिला उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के मामले चिंता का विषय हैं।
इस तरह के प्रकरण यह दिखाते हैं कि
कानून और सामाजिक जागरूकता के बावजूद
महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर अभी भी लंबा रास्ता तय करना बाकी है।

💬 “कानून तभी प्रभावी बनता है, जब समाज पीड़िता के साथ खड़ा हो।”



By Editor