तमाम विरोधों के बावजूद बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दिव्य दरबार मुंबई से सटे मीरा रोड में लग ही गया. दो दिन चलने वाले इस कार्यक्रम के पहले दिन धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने विरोधियों को जमकर आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि जिसे भी उनसे प्रमाण चाहिए, वह उनके कार्यक्रम में आ जाए. उन्हें किसी को प्रमाण देने की जरूरत नहीं है.
अपने बयानों के चलते चर्चा में बने रहने वाले कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने एक बार फिर अपने विरोधियों को निशाने पर लिया है. मुंबई से सटे मीरा रोड में अयोजित दिव्य दरबार कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि उन्हें किसी को भी प्रमाण देने की जरूरत नहीं है. जिन्हें भी प्रमाण चाहिए वह उनके दिव्य दरबार में आ सकता है. अपने विरोधियों को चुनौती देते हुए बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जिसे भी खुजली है, वह उनके पास चला आए. वे उसकी खुजली पर मरहम लगाकर उसे दूर कर देंगे.
मीरा रोड में हुए कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि किसी को भी अंधविश्वास में बिल्कुल नहीं पड़ना चाहिए. लेकिन उन्हें (धीरेंद्र शास्त्री) को किसी को प्रमाण देने की जरूरत नहीं है. जिसे भी उनसे दिक्कत है, वह उनके पास आकर प्रमाण ले सकता है. उन्होंने कहा, ‘हमें कोई खुजली नहीं हुई है, जिसे भी खुजली हो वह आए, हम मरहम लगा देंगे. पेरासिटामोल की गोली दे देंगे.’
उन्होंने आगे कहा,’या तो खुजली नहीं रहेगी या खुजली वाला ही नहीं रहेगा. पहले वह मेरे पागलों (भक्तों) से निपट ले. हमारा तो पूरा भारत है. हम लोगों को जगा कर और उन्हें सनातन से जोड़ कर रहेंगे. उन्हें बताएंगे कि भारत के मंत्रों और भारत के ऋषि मुनियों में कितनी ताकत है.’
धीरेंद्र शास्त्री ने कार्यक्रम के दौरान सीतारम के साथ-साथ छत्रपति शिवाजी की जय के नारे भी लगवाए. उन्होंने कथा सुनने आए लोगों से कहा,’हमारा कोई विरोध करे तो आप लोग अपना मन खिन्न मत किया करो. रामजी हैं तो रावण के परिवार के लोग भी थे. बहुत कोशिश की गई कि बागेश्वर वाले महाराज महाराष्ट्र ना आएं. लेकिन अब हम फिर से मुंबई आने वाले हैं और जब तक जिएंगे यहां आते रहेंगे.’
कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा,’जिन्होंने हमारा विरोध किया उनको भी साधुवाद. अगर आप (विरोधी) हमें मुंबई में रुकवाना चाहते हैं तो हम मुम्बई में 1 सप्ताह जरूर देंगे, लेकिन धर्म विरोधियों की छुट्टी करवा देंगे. भारत हिंदू राष्ट्र जरूर बनेगा.’ इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने लोगों से घर का एक बच्चा राम के लिए देने की अपील की. उन्होंने कहा कि राम और सनातन के लिए बच्चे को समर्पित कर दें.
धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि जो उनका विरोध कर रहे हैं, वह उनके पास आकर अर्जी लगाएं. वह एक-एक दाग बताएंगे. उन्होंने कहा कि जिसे उनमें पाखंड नजर आता है, वह उनके सामने आए. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि वह अपने लिए नहीं बल्कि, आने वाली पीढ़ी के लिए बोल रहे हैं. ताकि कोई मंदिर पर पत्थर ना फेंक सके.
उन्होंने अपने विरोधियों पर तंज कसते हुए कहा कि हर चीर सभी को हजम नहीं होती है. जैसे कुत्ता शहद चाट ले तो मर जाता है. गधा मिश्री चाट ले तो मर जाता है. ठीक इसी तरह कौवा नीम के पेड़ की निंबोली खा ले तो मर जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई से सटे ठाणे इलाके में बागेश्वर धाम का मंदिर बनाया जाएगा.
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वह ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिससे सनातन धर्म को नीचा देखना पड़े. लेकिन वह भारत को हिंदू राष्ट्र बनवा कर मानेंगे. पालघर की घटना का जिक्र करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि पालघर के संतों के साथ जैसी निर्दयता हुई, वह दोबारा नहीं होना चाहिए.