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पेपर लीक प्रकरण को लेकर सदन में हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट, 12 विधेयक पारित, बजट सत्र के तीसरे दिन भी कांग्रेस भर्ती में धांधली सहित कई मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष को घेरने में जुटी रही।

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उत्तराखंड लोक सेवा आगोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक प्रकरण को लेकर सदन में खूब हंगामा हुआ। सरकार के पक्ष से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही 16 मार्च सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

बुधवार को विपक्ष से सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा भवन के मुख्य गेट पर भर्ती प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सांकेतिक प्रदर्शन किया। उसके बाद सदन के अंदर भी सरकार को घेरने का प्रयास किया। सदन में कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने नियम 310 में भर्ती प्रकरण पर चर्चा का प्रस्ताव रखा। स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने नियम 58 में प्रस्ताव को स्वीकार किया।

सदन में विपक्ष की ओर से उठाए गए मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक का मामला पूर्व कांग्रेस सरकार का है लेकिन धामी सरकार ने नकल माफिया पर पहली बार बड़ी कार्रवाई की है। 60 से अधिक आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। साथ ही कई आरोपियों की संपत्ति भी जब्त की गई। सरकार ने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया।

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कांग्रेस के 15 विधायक सत्र से एक दिन के लिए निलंबित, बेरोजगारी  और भर्ती घोटाला और गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने की मांग को लेकर सदन में किया खूब हंगामा 

पूरे देश में सरकार के नकल विरोधी कानून की सराहना हो रही है। विपक्ष को भी सच स्वीकार करना चाहिए। भर्ती परीक्षाओं में नकल करने में संलिप्त आरोपियों को आजीवन कारावास और जुर्माना की सजा का प्रावधान किया गया। बेरोजगार संगठन के प्रदर्शन में पथराव के मामले की जांच गढ़वाल आयुक्त से कराई गई। आयुक्त ने जांच में हल्के बल प्रयोग को उचित ठहराया।

विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष यशपाल, प्रीतम सिंह, भुवन कापड़ी, सुमित हृदयेश, हरीश धामी, विक्रम नेगी, गोपाल राणा, मनोज तिवारी ने बेरोजगार युवाओं पर लाठीचार्ज की न्यायिक जांच करने के साथ ही भर्ती प्रकरण में सीबीआई जांच करने की मांग की है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया।
विपक्ष की ओर से वाकआउट के बाद सदन में ध्वनिमत से नकल विरोधी समेत 12 विधेयक पारित किए गए। रात नौ बजे तक सदन की कार्यवाही चली।

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निम्नलिखित विधेयक हुए पारित

1- उत्तराखंड मत्स्य अधिनियम संशोधन 2022
2- उत्तराखंड उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम संशोधन
3- उत्तराखंड उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम संशोधन
4- उत्तराखंड पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा व विधिमान्यकरण विधेयक
5- उत्तराखंड उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम 1901 संशोधन
6- उत्तराखंड सहकारी समिति संशोधन
7- उत्तराखंड राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन संशोधन
8- यूनिवर्सिटी आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी रुड़की संशोधन
9- उत्तराखंड सेवा का अधिकार संशोधन
10- उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय विधेयक
11- सरकारी अनुदान अधिनियम 1895 संशोधन
12- उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 संशोधन।

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कांग्रेस विधायकों के निलंबन के निर्णय पर स्पीकर अडिग

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण कांग्रेस विधायकों के सदन से एक दिन के लिए निलंबन के फैसले पर अडिग है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के विधायक प्रभारी सचिव की मेज पर चढ़े, माइक तोड़ा, पीठ पर कागज फाड़ कर फेंके। इस तरह के व्यवहार पर नियम 298 के तहत निलंबन का निर्णय सही है।

निलंबन की कार्यवाही पर व्यवस्था का उठाया प्रश्न

बुधवार को कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने निलंबन की कार्यवाही पर व्यवस्था का प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि पीठ की ओर से जो निर्णय आता है वह नियमावली के तहत आता है। कांग्रेस विधायकों के निलंबन से पहले नियमों को देखा जाना चाहिए। नियमों अनुसार निलंबन प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री की ओर से रखा जाता है। इसके बाद ही निलंबन की कार्यवाही की जाती है।

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नियम 297 में स्पष्ट है कि यदि कोई सदस्य शांति व्यवस्था नहीं बनता है तो उसे बाहर जाने के निर्देश दिए जाते हैं। भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने स्पीकर से अनुरोध किया कि निलंबन को सदन की कार्यवाही से निरस्त किया जाए।

नियम 298 के तहत लिया गया निलंबन का निर्णय

स्पीकर ने कहा कि वेल में आकर मेज पर चढ़ना और कागज फाड़ कर फेंकने पर सदस्यों को बाहर जाने निर्देश दिए गए थे। इसके बाद वे सदन में रहे। साथ ही सदन की गरिमा के खिलाफ अनुचित व्यवहार करते रहे। इस पर उन्होंने नियम 298 के तहत निलंबन का निर्णय लिया है, जो उचित है। उधर, सदन शुरू होते हुए स्पीकर ने पीठ से सूचित किया कि जो कुछ हुआ है उससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है। सदन की गरिमा को बनाने में सत्ता व पक्ष के सदस्य सहयोग करेंगे।

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