पन्तनगर / किच्छा तहसील क्षेत्र स्थित नगला वासियों को अब उजड़ने का डर सताने लगा है. प्रशासन की ओर से नोटिस जारी होने के बाद अब नगला वासी आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हो गए हैं
प्रशासन की ओर से नोटिस जारी होने के बाद अब नगला वासी आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हो गए हैं प्रशासन ने 750 से ज्यादा परिवारों को अतिक्रमण मुक्त करने का नोटिस थमाया है. जिसको लेकर अब नगलावासी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं आज सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने प्रदर्शन कर सरकार से उनके आशियाने को न तोड़ने की अपील की है।
बताते चले कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगला वासियों को अपने आशियाने उजड़ने का डर सता रहा है. इससे पहले वन विभाग, पीडब्ल्यूडी और पंतनगर विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने 700 परिवारों को नोटिस थमाया था. साथ ही उन्हें अपने-अपने घर को खाली करने को कहा था. ऐसा न करने पर घरों को तोड़ने की चेतावनी दी है. आशियाने उजाड़े जाने को लेकर अब नगला वासियों ने आर पार की लड़ाई का मन बना लिया है।
आज से क्षेत्र के लोगों ने नगला चौराहे पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. धरने के पहले दिन सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने धरना दिया और नारेबाजी की।
वहीं, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वो नगला क्षेत्र में पिछले 60-65 सालों से रहते आ रहे हैं. ऐसे में एकतरफा कार्रवाई कर प्रशासन उन्हें उजाड़ने की योजना बना रहा है. उन्होंने कहा कि इससे पहले मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया था कि उनके आशियाने को उजड़ने नहीं दिया जाएगा, लेकिन अब जिला प्रशासन और विभागों ने उन्हें नोटिस थमाते हुए जगह को खाली करने को कहा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनके आशियाने को न तोड़ा जाए अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती तो उनका आंदोलन बदस्तूर जारी रहेगा।