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उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में शनिवार रात से मूसलाधार वर्षा चल रही है। उत्तरकाशी जनपद में जहां बादल फटने से एक होटल के निर्माण कार्य में लगे नौ मजदूर लापता हैं।

वहीं यमुनोत्री हाइवे 10 मीटर वॉशआउट हुआ है।

इधर, रुद्रप्रयाग और चमोली जनपद में स्थित बद्रीनाथ और केदारनाथ क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण मंदाकिनी और अलकनंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है। दोनों जनपदों में पुलिस नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने की अपील कर रही है और तीर्थ यात्रियों व अन्य लोगों को नदी किनारे जाने से भी रोकने की अपील की है। चमोली जिले में वर्षा से कई जगह हाइवे पर मलबा और भूस्खलन आने से मार्ग बाधित हुए हैं। मलबा आने से कमेडा नंदप्रयाग में हाइवे बंद है।

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रात तीन बजे की घटना

जानकारी के अनुसार यमुनोत्री हाइवे पर पालीगाड़ से 4 किलोमीटर आगे सिलाई बैंड के पास रात करीब 3 बजे बादल फटने की घटना हुई। इससे पानी के तेज बहाव में नौ मजदूरों के लापता होने की सूचना है। साथ ही करीब 10 मीटर यमुनोत्री हाइवे बह गया है।

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डीएम ने दी जानकारी

जिलाधिकारी उत्तरकाशी प्रशांत आर्य ने बताया कि सिलाई बैंड के पास एक होटल निर्माणाधीन है, जिसके मजदूर नजदीक कैंप में निवास कर रहे थे। कैम्प में करीब 19 मजदूर थे, जिसमें 9 मजदूर लापता हैं। वहीं, भारी मलबा आने से सिलाई बैंड के पास करीब 10 मीटर नेशनल हाइवे का हिस्सा भी वाश आउट हुआ है, जिसके पुनर्निर्माण में समय लग सकता है। मौके पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस व राजस्व की टीमें रेस्क्यू अभियान में जुटी हैं।

हादसे में लापता

1.दूजे लाल (55)

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2.केवल थापा (43)

3.रोशन चौधरी (40)

4.विमला धामी(36)

5.मनीष धामी(40)

6.कालूराम चौधरी (55)

7.बाबी(38)

8.प्रिंस(20)

9.छोटू(22)

मलबा और पत्थर आने से रास्ते बाधित

वहीं रुद्रप्रयाग जनपद व जनपद पौड़ी की सीमा से होकर गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग सिरोबगड़ के पास मलबा-पत्थर आने के कारण मार्ग बाधित चल रहा है। सम्बन्धित कार्यदाई संस्था के स्तर से मार्ग को खोले जाने के प्रयास जारी हैं। जनपद पौड़ी गढ़वाल पुलिस के साथ उचित समन्वय स्थापित करते हुए इस क्षेत्र में वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर ही रोका गया है और मौके पर आवश्यक पुलिस बल मौजूद है।