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देहरादून: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने को लेकर हाईकोर्ट से अनुमति मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव की नई तारीखों की घोषणा कर दी गई है. 24 और 28 जुलाई को चुनाव के लिए मतदान होगा जबकि 31 जुलाई को मतगणना की जाएगी. इसी के साथ ही गांव की सरकार बनाने को लेकर दांव पेंच शुरू हो गया है. ऐसे में जान लेते हैं कि उत्तराखंड में कौन से वो जिले हैं, जहां पर सबसे ज्यादा और कम पंचायत की सीटें हैं.

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव तय करेंगे कि साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में आखिरकार जनता क्या सोच रही है? कांग्रेस हो या बीजेपी, दोनों ही इन चुनावों को बेहद गंभीरता से ले रही हैं. यही कारण है कि दोनों ही दलों की बैठकें भी शुरू हो गई हैं. अगर पंचायत की सीटों पर नजर दौड़ाएं तो स्थिति कुछ ऐसी है.

उत्तराखंड में सबसे ज्यादा सीटें अल्मोड़ा में हैं, तो सबसे कम कुमाऊं के ही चंपावत में जिला पंचायत की सीटें हैं. इस बार उत्तराखंड के 12 जिले के 89 ब्लॉक में चुनाव होंगे. इन चुनाव में 66,417 सीटों पर उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे. अगर सीटों के हिसाब से देखा जाए तो उत्तराखंड का अल्मोड़ा जिला सबसे महत्वपूर्ण है.

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अल्मोड़ा जिले में 11 ब्लॉक में 9,838 सीटें हैं. जबकि, ग्राम पंचायत की संख्या 8,242 हैं. अगर प्रधान पद की संख्या की बात करें तो 1,160 हैं. इसके अलावा क्षेत्र पंचायत सदस्य की 391 सीट और जिला पंचायत सदस्य की सीटें 45 हैं.

इसी तरह उत्तराखंड में दूसरे नंबर पर पौड़ी जिला है. अगर पौड़ी की बात करें तो यहां पर 15 ब्लॉक में सीटों की संख्या 9,763 है. जिसमें ग्राम पंचायत सदस्य की संख्या 8,188 और क्षेत्र पंचायत सदस्य की संख्या 371 है. जबकि, प्रधान पद की संख्या 1,166 है. पौड़ी जिले में जिला पंचायत सदस्य की भी सीट 38 हैं.

टिहरी जिले में भी पंचायत का चुनाव बेहद रोमांचक और लोगों के लिए बेहद उत्साह भरा रहता है. यहां पर 9 ब्लॉक हैं. जबकि, कुल सीट 8,910 हैं. इसमें ग्राम पंचायत सदस्य की संख्या 7,465 हैं. जबकि, प्रधान पद की संख्या 1,049 हैं. जिला पंचायत सदस्य की 45 सीट टिहरी में हैं. जबकि, क्षेत्र पंचायत सदस्य की संख्या भी 351 हैं.

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अगर बागेश्वर की बात की जाए तो यहां पर 3 ब्लॉक हैं. ग्राम पंचायत सदस्य की संख्या 2,899 है. जबकि, प्रधान की संख्या 409 है. जिला पंचायत सदस्य की संख्या 19 है और क्षेत्र पंचायत सदस्य की संख्या 120 है.

इसी तरह से चमोली में 9 ब्लॉक हैं. यहां पर ग्राम पंचायत सदस्य की संख्या 4,385 है. जबकि, प्रधान की संख्या 615 है. इसी तरह से क्षेत्र पंचायत सदस्य की संख्या 24 है. जबकि, जिला पंचायत सदस्य की संख्या 26 है.

देहरादून में भी 6 ब्लॉक हैं. यहां पर ग्राम पंचायत सदस्य की संख्या की बात करें तो 3,395 है. जबकि, प्रधान पद की संख्या 409 है. क्षेत्र पंचायत सदस्य की संख्या देहरादून में 220 है. वहीं अगर बात करें जिला पंचायत सदस्य की करें तो यहां पर 30 सीट हैं.

नैनीताल में 8 ब्लॉक हैं. ग्राम पंचायत सदस्य की 3,739 सीटें हैं. जबकि, प्रधान की संख्या 475 है. क्षेत्र पंचायत सदस्य की संख्या नैनीताल में भी 263 है. जबकि, जिला पंचायत सदस्य की संख्या 27 है.

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वहीं, बात अगर उत्तरकाशी की करें तो यहां पर 6 ब्लॉक हैं. जहां ग्राम पंचायत सदस्य की सीटें 3,793 हैं. जबकि, प्रधान की संख्या 521 है. क्षेत्र पंचायत सदस्य की संख्या 206 है. जबकि, जिला पंचायत सदस्य की संख्या 28 है.

रुद्रप्रयाग जिले में 3 ब्लॉक हैं. जहां ग्राम पंचायत सदस्य सीट 2,419 है. जबकि, प्रधान की संख्या 333 है. क्षेत्र पंचायत सदस्य की संख्या 115 और जिला पंचायत सदस्य की संख्या 18 है.

पिथौरागढ़ में 8 ब्लॉक है और ग्राम पंचायत की सीट की संख्या 4,915 सदस्य है. जबकि, प्रधान की संख्या 681 है. इसी तरह से क्षेत्र पंचायत सदस्य की संख्या 287 है. वहीं, जिला पंचायत सदस्य की संख्या 32 है.

वहीं, चंपावत की बात करें तो यहां 2,744 कुल सभी सीटें हैं. ये राज्य का सबसे छोटा जिला भी है और पंचायत चुनाव में भी 12वें नंबर पर है. बता दें कि हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने हैं.